• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

हमारे मूल्य ही हमारी एकता : परमार

Feb 20, 2017

शिक्षा के क्षेत्र में कथनी करनी एक होनी चाहिए – आशुतोष चावरे, कम्पलसरी कॉन्टेक्ट प्रोग्राम का उद्घाटन
bramhakumariभिलाई। Kushabhau Thakre Patrakarita Evam Jansanchar Vishwavidyalaya के कुलपति Dr Mansingh Parmar ने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक कितनी भाषाएं हैं लेकिन हमारी एकता हमारे मूल्य हैं। भारत में ही सर्वप्रथम तक्षशीला और नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई। भारत मूल्यों की धरती है जिसे राम और रावण के उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया गया। श्री परमार सेक्टर-7 ब्रह्माकुमारीज के पीस ऑडिटोरियम में आयोजित 10 दिनों की कम्पलसरी कॉन्टेक्ट प्रोग्राम को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य चिंतनशील है। समाज में बुराईयां तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए ऐसे आध्यात्मिक शिक्षा की अति-आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रावण विद्वान एवं सम्पन्न था परन्तु राम में मूल्य थे इसलिए वे मर्यादा पुरूषोत्तम पूजनीय बने। आज हम अच्छे इंसान नहीं बना पा रहे है। शिक्षा से धैर्य, सहनशीलता और मूल्य बढऩे चाहिए। आध्यात्मिकता सभी धर्मों को साथ लेकर चलती है। मूल्य निष्ठ शिक्षा की आवश्यकता हर वर्ग को है। शास्त्रों में संजीवनी बूटी, पुष्पक विमान एवं गणेश जी के शीश को शंकर जी द्वारा जोडऩे वर्णन है। जिसे दुनियां ने सार्थक किया। इससे सिद्ध है कि ये काल्पनिक नहीं है। अच्छे लोग के साथ जुडऩे के साथ आप भी अच्छे बन जायेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष चावरे ने कहा कि समाज में फैली बुराइयों के प्रदूषण पर विचार की आवश्यकता हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कथनी, करनी एक और नेक होना चाहिए। हमें प्रत्येक प्राणी के लिए स्नेह भाव रखना है।
भिलाई सेवाकेन्द्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी आशा बहन ने कहा कि पुष्प के अंदर रंग-रूप और खुशबू होती है। खुशबू ही जीवन के मूल्य है जो समाज में खुशबू फैलाकर सबको मोहित करती है। मूल्यों का अध्ययन कर जीवन में समावेश करना आध्यात्मिकता से संभव है। कार्यक्रम के समन्वयक बीके बंसत ने इन पाठ्यक्रमों में ब्रह्माकुमारीज के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र और भारत सरकार द्वारा मूल्य शिक्षा पर ब्रह्माकुमारीज को मान्यता प्राप्त है।
सभा में उपस्थित सभी ने स्वयं में परिवर्तन और मूल्यों के समावेश हेतु इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया है जो कि आने वाली पीढ़ी और बच्चों के लिए उदाहरण बनेगी। पूर्व में कोर्स कर चुके शिक्षकों ने अपने अनुभव सुनायें कि कक्षा में 45 मिनट के पिरियड में अंतिम दस मिनट यहां से सीखे मूल्यों की शिक्षा देते है जो कि अत्यंत लाभप्रद सिद्ध हो रहा है। कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. सुचित्रा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आभा ने प्रस्तुत किया।

Leave a Reply