गुरुग्राम.कक्षा चार में पढ़ने वाली नौ साल की निहारिका ने छोटी उम्र में ही वो मुकाम हासिल कर लिया है, जिसके लिए कई लोग उम्र भर इंतजार करते हैं। गुरुग्राम के इनविंसिबल पब्लिशर्स से प्रकाशित उनका ‘द सीक्रेट पिंक रोज’ नॉवेल एक साहसी राजकुमारी रोज पिंक और उसकी रहस्यमयी व जादुई दुनिया पर आधारित है। बच्चों के लिए लिखा गया ये नॉवेल यह संदेश भी देता है कि मुश्किल हालात का कैसे सामना किया जाए।
निहारिका की प्रतिभा और उपलब्धि को लेकर उनके शिक्षकों का कहना है कि एक ओर जहां वर्तमान समय में बच्चे आधुनिक गैजेट में ही मशगूल रहते हैं, वहीं इस बच्ची ने एक नॉवेल लिखकर सबको हैरत में डाल दिया है।निहारिका के माता-पिता पारुल और मुनीश चोपड़ा बताते हैं कि वह जब पेंसिल पकड़ना सीख गई, तभी से हाथ में कुछ न कुछ लेकर लिखती रहती थी। जब उसका स्कूल में दाखिला भी नहीं हुआ था तभी से उसने कविताओं और कहानियों में रुचि लेना शुरू कर दिया था।
निहारिका सेक्टर-48 में डीएवी पब्लिक स्कूल में पढ़ती है। विद्यालय की प्राचार्य चारू मैनी कहती हैं कि वह बहुत मेहनती लड़की है। विभिन्न विषयों पर उसकी समझ उसकी उम्र से ज्यादा है। प्रसिद्ध लेखिका जेके राउलिंग (हैरी पॉटर सीरीज फेम) को अपना आदर्श मानने वाली निहारिका कहती है कि उसे न सजने-संवरने में वक्त बर्बाद करना पसंद है और न ही पार्टी में दिलचस्पी। खाली समय में वो सिर्फ किताबें पढ़ती है और अपने विचार लिखती है।
उसे छोटी-छोटी कहानियां लिखने का शौक है, पर नॉवेल के बारे में कभी सोचा नहीं था। गर्मी की छुट्टियों के दौरान खाली वक्त में लिखते-लिखते उसे लगा कि कहानियों को उपन्यास की शक्ल दी जा सकता है। किताब लिखने की प्रेरणा कैसे मिली, इस सवाल के जवाब में निहारिका ने बताया कि अलग-अलग किताबें पढ़ने के बाद दिमाग में कई सारे नए विचार आते हैं जिन्हें लिखने के लिए मां और पिता हमेशा प्रेरित करते रहते हैं।