• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

कला से ही सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है: डॉ. माण्डवी सिंह

Dec 7, 2017

दुर्ग। कला से ही सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उक्त बातें इंदिरा कला, संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की कुलपति डॉ माण्डवी सिंह ने शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला आदि-रंग में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।दुर्ग। कला से ही सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उक्त बातें इंदिरा कला, संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की कुलपति डॉ माण्डवी सिंह ने शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला आदि-रंग में बतौर मुख्य अतिथि कहीं। डॉ. माण्डवी सिंह ने लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने एवं युवा पीढ़ी को अपना परंपरागत चित्र शैली से रू-ब-रू कराने के इस सार्थक कार्यशाला के आयोजन पर महाविद्यालय को बधाई दी। दुर्ग। कला से ही सम्पूर्ण व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उक्त बातें इंदिरा कला, संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ की कुलपति डॉ माण्डवी सिंह ने शासकीय डॉ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला आदि-रंग में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।उन्होनें कहा कि – कलाएँ व्यक्ति को सम्पूर्णता प्रदान करती है। रजा फाण्डेशन एवं कन्या महाविद्यालय ने देश के विभिन्न कोनों से लोक कलाकारों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों में लोक कलाओं के प्रति अनुराग उत्पन्न करने हेतु यह विशिष्ट मंच प्रदान किया है।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती लक्ष्मी धु्रव ने लोक कलाओं के माध्यम से प्राकृतिक जुड़ाव के पक्ष को रेखांकित किया। उन्होनें कहा कि बस्तर में जनजाति कला का अद्भूत नजारा देखने को मिलता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कार्यशाला की उपयोगिता एवं महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनजाति कला से छात्राओं को परिचित कराना तथा राष्ट्रीय स्तर के चित्रकारों के सानिध्य में प्रशिक्षण प्राप्त करना अविस्मरणीय अनुभव है। जिसका लाभ महाविद्यालय की छात्राओं को रजा फाउण्डेशन के माध्यम से मिल रहा है। कार्यक्रम के संयोजक श्री योगेन्द्र त्रिपाठी ने विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों की कलाओं का संक्षिप्त परिचय देते हुए लोक कलाओं को जीवन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। आमंत्रित कलाकारों में भील पेंटिंग के रमेश बरिया गोंड पेंटिंग के मंगरू एवं राधेश्याम, पिथौरा पेेंटिंग के हरिसिंह एवं राकेश राठवा, गोदना की सूफियानो बाई, गुजराती कलमकारी के जगदीश चितारा तथा मुधबनी के श्रवण कुमार शामिल है। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. ऋचा ठाकुर एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने किया। कार्यशाला में दुर्ग जिले के विभिन्न महाविद्यालयों से प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने भी प्रतिभागिता की।

Leave a Reply