रायपुर। करियर और परिवार के बीच बेहतर सामंजस्य बैठाने के लिए बेटियों को भी अपना नजरिया बदलना होगा। टाइम मैनेजमेंट, पाजीटिव सोच और तनाव कम करने के उपायों से ही यह संभव है। इसी का प्रशिक्षण दे रही है जैन संघटना की फिनिशिंग स्कूल। यहां देश भर की बेटियों को 13 दिन का नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है। मुंबई से यहां आईं प्रथा कोटजा बताती हैं, हमें विचारों को शेयर करना, सकारात्मक सोच रखना, टाइम मैनेजमेंट आदि सब कुछ सिखाया जा रहा है। जैपुर ओडिशा की जागृति कहती हैं, हमने सीख लिया कि हमें अपने अभिभावकों से कुछ नहीं छिपाना चाहिए। महासमुंद की सपना, बालोद की पल्लवी और रायपुर की प्रियंका भी मानती हैं कि यहां आकर उनका जीवन के प्रति नजरिया बदल गया है, सोचने का तरीका बदल गया है। अब लगता है कि जिंदगी तो बांहे फैलाए खड़ी है, तमाम उलझनों से घिरे आप ही संकोच कर रहे हैं।
भारतीय जैन संगठना की ओर से देश भर में इस तरह की कक्षाएं नि:शुल्क रूप से संचालित की जा रही हैं। देश के विभिन्न राज्यों से यहां पहुंचीं सौ प्रतिभागियों को अनुभवी विषय विशेषज्ञों द्वारा व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनके सामने उन तमाम परिस्थितियों को निर्मित कर उनके समाधान का रास्ता दिखाया जाता है, जो कभी भविष्य में इनके सामने चुनौती के रूप में आ खड़ी हों तो अपनी सूझबूझ से ये उसका सामना कर सकें। हर साल इन कक्षाओं में तेरह दिनों का सत्र होता है। यहां रहने से लेकर भोजन व ट्रेनिंग सब कुछ नि:शुल्क है।
जीवन में रिश्तों की अहमियत, इनके निर्वहन का तौर-तरीका, बदलाव की स्वीकार्यता व समन्वय, दूसरों के साथ स्वयं को भी सम्मान, करियर व परिवार के बीच बेहतर तालमेल, इसमें आने वाली चुनौतियों का सामना, बेहतर भावपूर्ण संबोधन, बेसिक चिकित्सा जानकारी, बीमार परिजन से व्यवहार, सकारात्मक सोच का निर्माण…, ऐसी 64 अलग-अलग कक्षाएं यहां चल रही हैं। हर विषय के लिए अनुभवी विशेषज्ञ मौजूद हैं।