अत्याधुनिक विदेशी रिसर्च उपकरणों से लैस होंगे लैब
भिलाई। फार्मेसी रिसर्च के क्षेत्र में फिर एकबार संतोष रूंगटा समूह के भिलाई के कोहका-कुरूद रोड स्थित आर-1 एजुकेशनल कैम्पस में संचालित रूंगटा कॉलेज आॅफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च (आरसीपीएसआर) ने अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। संतोष रूंगटा समूह के इस फार्मेसी कॉलेज के रिसर्च क्षेत्र में उत्कृष्टता, निरंतर प्रगति तथा विशिष्ठ योगदान को देखते हुए डिपाटर्मेंट आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी (डीएसटी), नई दिल्ली द्वारा 40 लाख रूपये की ग्रांट प्रदान की गई है। यह अनुदान विश्वविद्यालयों तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के उन्नयन हेतु संचालित स्कीम डीएसटी की स्कीम फण्ड फॉर इम्प्रुवमेंट आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी इन्फ्रास्ट्रक्चर (फीस्ट) 2018 के तहत् प्रदान की गई है। इस पूरी अनुदान राशि का उपयोग रिसर्च के लिये प्रयुक्त होने वाले अत्यंत आधुनिक एवं अति-संवेदनशील उपकरणों की खरीदी में होगा जिसका सीधा लाभ यहाँ शोध कर रहे शोधाथिर्यों तथा एम.फार्मा कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स को मिलेगा वहीं रिसर्च के क्षेत्र में नई संभावनाओं का पता भी चलेगा। इन उपकरणों की उपलब्धता से जटिल से जटिल विषयों पर फार्मेसी क्षेत्र के शोध कार्यों को और अधिक सटीक तथा प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा। गौरतलब है कि रूंगटा कॉलेज आॅफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस एण्ड रिसर्च ट्विनसिटी भिलाई-दुर्ग का एकमात्र ऐसा निजी फार्मेसी कॉलेज है जो कि रिसर्च क्षेत्र में उत्कृष्टता के आधार पर फीस्ट ग्रांट हेतु चुना गया है।
आयातित अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगा रिसर्च लैब
संतोष रूंगटा समूह के डायरेक्टर टेक्निकल डॉ. सौरभ रूंगटा ने बताया कि प्राप्त संपूर्ण राशि का उपयोग कॉलेज के रिसर्च लैब के लिये नैनो जेड.एस. जिटासाइजर, फोटियर ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड स्पैक्ट्रोफोटोमीटर (एफटीआईआर) तथा फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप जैसे अत्याधुनिक तथा अतिसंवेदनशील महंगे शोध उपकरणों की खरीदी में किया जायेगा। ये उपकरण ब्रिटेन व अन्य यूरोपीयन देशों से मंगाये जा रहे हैं और चूंकि इस कॉलेज को पूर्व से ही डीएसआईआर-सिरो का एप्रुवल प्राप्त है इसलिये इन उपकरणों पर कोई भी कस्टम ड्यटी नहीं लगेगी। उल्लेखनीय है कि छ.ग. स्वामी विवेकानन्द टेक्निकल यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेन्टर के रूप एप्रुव्ड रूंगटा फार्मेसी कॉलेज, निरन्तर उत्कृष्ट शोध कार्यों से फार्मेसी के रिसर्च क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा ने बताया कि समूह द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज आॅफ फार्मास्यूटीकल्स साइंसेस राज्य का एक मात्र फार्मेसी कॉलेज है जिसे कि उत्कृष्टता के आधार पर एनबीए, नैक एक्रीडीयेशन तथा भारत सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा जारी एनआईआरएफ रैंकिंग में अग्रणी स्थान प्राप्त है। कॉलेज में पूर्व से ही 4 डीएसटी के तथा 4 सीजीकॉस्ट के रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है।
मापदण्डों पर खरा उतरकर हासिल किया ग्रांट
आरसीपीएसआर के प्रिंसिपल डॉ. डी.के. त्रिपाठी ने बताया कि डीएसटी द्वारा फीस्ट ग्रांट प्रदान करने हेतु संस्था को उत्कृष्टता के विभिन्न मापदण्डों तथा कसौटियों पर परखा गया, जिसमें कॉलेज का रिसर्च बैकग्राउण्ड, पीएच.डी. प्राप्त फैकल्टी मेम्बर्स की उपस्थिति, अध्ययनरत् स्टूडेंट्स की संख्या, पीजी स्तर पर किये जा रहे शोध कार्य, एनबीए तथा नैक जैसी प्रतिष्ठित ग्रेडिंग एजेंसी का प्रमाणीकरण, कॉलेज के स्टूडेंट्स का जॉब प्लेसमेंट आदि प्रमुख बिन्दू थे। राष्ट्रीय स्तर पर इस ग्रांट हेतु विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थाओं से डीएसटी द्वारा कुल 245 आवेदन प्राप्त किये गये जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 53 चुनिंदा शिक्षण संस्थानों का उनकी उत्कृष्टता के आधार पर इस अनुदान हेतु चयनित किया गया, जिसमें अनुदान हेतु राष्ट्रीय स्तर पर चयनित फार्मेसी शिक्षण संस्थाओं की संख्या मात्र 5 रही। आवेदन किये जाने के बाद हमने अपने कॉलेज में उपलब्ध रिसर्च सुविधाओं, उपलब्धियों आदि से संबंधित प्रेजेण्टेशन केरल के एलप्पी में जाकर ग्रांट के चयन हेतु गठित समिती के समक्ष प्रस्तुत किया जिसके आधार पर हमारा चयन हुआ।
एडवांस्ड रिसर्च उपकरणों की उपलब्धता से जटिल से जटिल शोध कार्य होंगे संभव
फीस्ट 2018 के अंतर्गत प्राप्त हुई इस ग्रांट के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर आरसीपीएसआर के वाइस प्रिंसिपल डॉ. एजाजुद्दीन ने बताया कि मंगाये जा रहे रिसर्च उपकरणों में नैनो जेड.एस. जिटासाइजर उपकरण का उपयोग नैनो ड्रग डिलिवरी सिस्टम के विश्लेषण, क्षमता व आकार मापन, आणविक भार निर्धारण में होता है वहीं एफटीआईआर उपकरण दवाओं के कार्यात्मक समूह के निर्धारण में उपयोगी होता है। तीसरे अत्याधुनिक फ्लोरोसेंट माइक्रोस्कोप उपकरण का उपयोग शरीर की रेडियो लेबल्ड अति सूक्ष्म कोशिकाओं की इमेजिंग तथा ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन अर्थात दवा शरीर के किस कोशिका में गई इसका अध्ययन करने में किया जाता है। हमारे रिसर्च लैब में इन उपकरणों की उपलब्धता फार्मेसी के रिसर्चर्स तथा स्टूडेंट्स के लिये वरदान साबित होगी। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट हेतु गठित किये गये कॉलेज के प्रोजेक्ट इम्प्लिमेन्टेशन ग्रुप के अन्य सदस्य वरिष्ठ फैकल्टी मेम्बर्स डॉ. अमित अलेक्जे़ण्डर तथा डॉ. कार्तिक नखाते हैं।
क्या है डीएसटी की फीस्ट ग्रांट
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन विभाग डिपाटर्मेंट आॅफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी (डीएसटी) द्वारा आर एण्ड डी एक्टिविटिज के प्रमोशन, इसके माध्यम से रिसर्च की नये क्षेत्रों तथा संभावनाओं का पता लगाने तथा नई प्रतिभाओं को रिसर्च क्षेत्र में आकर्षित करने हेतु यह योजना चलाई जा रही है जिससे ऐसी संस्थायें जो रिसर्च क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं वे इस अनुदान के माध्यम से और भी अधिक प्रभावी तथा कुशलता से शोध के क्षेत्र में कार्य कर सकें। इसके अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से जुड़े विभिन्न विश्वविद्यालयों, उच्च तथा तकनीकी शिक्षण संस्थाओं द्वारा आवेदन किया जाता है जिसमें उत्कृष्टता संबंधी विभिन्न मापदण्डों तथा शर्तों पर खरी उतरने वाली संस्था को यह अनुदान प्रदान किया जाता है।