भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर- ‘स्वास्थ्य सभी के लिये सभी जगह’ पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वयं स्वस्थ रहते हुए दूसरों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रेरित करना था। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शमा ए. बेग ने बताया कि यह दिवस 1950 से मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्य उद्देश्य विश्व को टी.बी., पोलियो, चेचक, एड्स और अनेक वंशानुगात बीमारियों से मुक्त कराना है। उन्होंने कहा कि मोबाइल स्वास्थ्य के लिये जहर का कार्य कर रहा है- इससे निकली किरणें आंखो के लिये हानिकारक है और दिमाग को प्रभावित करती है। देर तक मोबाइल का उपयोग करने से हमारा स्वास्थ तो खराब होती ही है, साथ ही मानसिक स्वास्थ भी बिगड़ रहा है, अनेक बीमारियों की जड़ मोबाईल है।
प्राचार्य डॉ. श्रीमती हंसा शुक्ला ने कहा कि हमें स्वस्थ्य दिनचर्या, पौष्टिक आहार, व्यायाम कर खुद को स्वस्थ रखते हुये लोगों को दैनिक व्यवहार में स्वास्थ की उपयोगिता बतानी चाहिये। जैसे गरमीं के दिनों में पानी पीकर घर से निकलें जिससे लू से बचाव हो सके।
सहायक प्राध्यापक श्रीमती शैलजा पवार ने कहा कि विश्व की अपेक्षा भारत में लोग स्वास्थ्य के प्रति उदासीन है विशेषकर महिलायें, जिससे कुपोषण की समस्या उत्पन्न होती है और इसका दुष्प्रभाव समाज के विकास पर होता है।
सहायक प्राध्यापक डॉ. पूनम शुक्ला ने बताया कि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है, अवसाद के मामलों में भारत विश्व में 157 नम्बर पर है, जो चिंता का विषय है।
सहायक प्राध्यापक जिगर भवसार ने कहा भारत युवाओं का देश है परंतु हमारा युवा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं है। उनका खेल परिसर उनके पॉकेट में है अर्थात मोबाइल ही उनकी दुनिया है।
छात्रों ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि हमें अपने खान-पान पर ध्यान देना चाहिये और जंक फूड से परहेज करना होगा तभी हमारा स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
बी.कॉम. अंतिम के श्री शुभम ने अपने विचारों से अवगत कराते हुये कहा कि सभी को भोजन मिले इसके लिये सरकार ने मिड डे मील की पहल की है इसको आगे बढ़ाना चाहिये और पौष्टिक भोजन सबको मिले इस पर ध्यान देना चाहिये।
बी.कॉम अंतिम के गौरव शर्मा ने कहा कि गांवों में हमें लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना होगा और अनेक सुविधायें जैसे- स्वस्थ्य जल, स्वस्थ्य वातावरण, स्वच्छ शौचालय, स्वास्थ केन्द्र आदि की व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
धन्यवाद ज्ञापन सहायक प्राध्यापक कामिनी देशमुख, माइक्रोबायोलॉजी ने किया और कहा कि सभी को सभी जगह स्वस्थ्य रहने का अधिकार है पर इसका उपाय हमें करना होगा।