भिलाई। विश्व पुस्तक एवं कॉपी राइट दिवस के अवसर पर श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के ग्रंथालय विभाग के द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह, महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं डॉ. रंगनाथन के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्वलन से हुआ। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने कहा कि पुस्तकों का महत्व प्राचीन काल से ही दिखाई देता है वर्तमान समय में ई- पुस्तकों का चलन बढ़ रहा है जो छात्रों एवं प्राध्यापकों के लिए बहुत ही उपयोगी है। महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे. दुर्गा प्रसाद राव ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रंथालय का क्रेज बढ़ा है ग्रंथालय की महत्ता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जो शोध के क्षेत्र में एक अच्छा संकेत है।
महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. ओ. पी. पटेल ने विश्व पुस्तक एवं कॉपी राइट दिवस मनाने के उदद्ेश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्व के सौ से अधिक देशों ने मिलकर पुस्तकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को मनाने का निर्णय लिया था, माना जाता है कि इसकी षुरूवात 1923 में स्पेन से हुई है। आधिकारिक तौर पर युनेस्को ने 1995 से इस दिन को विश्व पुस्तक एवं कॉपी राइट दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। विश्व पुस्तक दिवस एक अवसर प्रदान करता है कि समाज पुस्तकों की शक्ति को पहचाने और अपने आंतरिक गुणों का विकास करते हुए समाज को एक नयी दिशा प्रदान करें। क्रार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण, कर्मचारीगण एवं अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।