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अनुशासन, लगन और समर्पण से मिलती हैं उपलब्धियां : डॉ सुशील तिवारी

Aug 8, 2019

शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को अनुशासन, लगन और समर्पण के साथ सीखने-सिखाने की परम्परा को आगे बढ़ाने की सीख दी। वे नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें छात्राओं को महाविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों नियमावली संबंधी दिशा-निर्देश दिये गये।

दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को अनुशासन, लगन और समर्पण के साथ सीखने-सिखाने की परम्परा को आगे बढ़ाने की सीख दी। वे नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें छात्राओं को महाविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों नियमावली संबंधी दिशा-निर्देश दिये गये। दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों को अनुशासन, लगन और समर्पण के साथ सीखने-सिखाने की परम्परा को आगे बढ़ाने की सीख दी। वे नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए आईक्यूएसी (आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ) द्वारा आयोजित इंडक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इसमें छात्राओं को महाविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों नियमावली संबंधी दिशा-निर्देश दिये गये।डॉ तिवारी ने कहा कि यह महाविद्यालय अपनी कार्यशैली और अनुशासन के लिये प्रसिद्ध है और यह सब यहाँ पढ़ने वाली छात्राओं और दीर्घ अनुभवी प्राध्यापकों की मेहनत के कारण है। उन्होंने कहा कि यही उम्मीद नई छात्राओं में भी है कि वे समर्पण, लगन और अनुशासन के साथ महाविद्यालय को नई ऊँचाइयाँ देंगी।
वाणिज्य के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल जैन ने विभाग की गतिविधियों को बताया साथ ही रैगिंग विरोधी गतिविधियों का उल्लेख करते हुये कहा कि यह महाविद्यालय शून्य रैगिंग स्तर पर आता है जो कि सराहनीय है।
इस अवसर पर उन्होनें रैगिंग पर अपनी लिखी कविता का पाठ किया। आई.क्यू.ए.सी. की संयोजक डॉ. अमिता सहगल ने प्रकोष्ठ द्वारा संचालित महाविद्यालय की समस्त गतिविधियों एवं उनके प्रभारी प्राध्यापकों का परिचय दिया। साथ ही शिकायत निवारण प्रकोष्ठ महिला स्वास्थ्य एवं सुरक्षा पर विस्तार से बात की। क्रीड़ाधिकारी डॉ. ऋतु दुबे ने बताया कि इस महाविद्यालय में छात्राओं को खेलने के लिये सुरक्षित एवं स्वतंत्र वातावरण मिलता है। यही कारण है कि यहाँ राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिभाशाली खिलाड़ी प्रवेश लेते है। रासेयो प्रभारी डॉ. यशेश्वरी धु्रव ने छात्राओं को एनएसएस एवं अन्य सामाजिक कार्य से जुड़ी गतिविधियों का वर्णन किया। छात्रसंघ प्रभारी डॉ. ऋचा ठाकुर ने छात्राओं द्वारा संचालित ग्रीनआर्मी, कस्तूरबा समूह, एक्वा क्लब की जानकारी दी साथ ही महाविद्यालय की विभिन्न सांस्कृतिक, साहित्यिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं के विषय में बताया। महाविद्यालय की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष एवं जेण्डर चैम्पियन रूचि शर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि इस महाविद्यालय के शिक्षक हमारे अभिभावक की तरह है। उनसे हम अपनी शैक्षणिक एवं निजि समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते है।
इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ. के.एल. राठी, डॉ. व्ही.के. वासनिक, डॉ. शशि कश्यप, डॉ. आरती गुप्ता, डॉ. निसरीन हुसैन, डॉ. लता मेश्राम, डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. मीरा गुप्ता, डॉ. अनुजा चैहान, आदि उपस्थित थे।

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