भिलाई। किसी को एकाएक दिल का दौरा पड़ जाए तो आरंभिक 10 सेकण्ड बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान धड़कनों को दोबारा शुरू करने के लिए सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रेससिटेशन) देने की जरूरत पड़ सकती है। संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडीआरसीएसटी में हार्ट फाउंडेशन की तरफ से आज इसकी प्रायोगिक जानकारी दी गई। यह एक लाइफ सेविंग तकनीक है जिसे हर किसी को सीखना चाहिए। डमी एवं लाइव सब्जेक्ट के साथ यह प्रशिक्षण दिया गया।हार्ट फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ सुप्रीत चोपड़ा ने दिल का दौरा पड़ने पर किये जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता के आधार पर क्रमबद्ध जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यदि किसी को दिल का दौरा पड़े तो सबसे पहले मरीज को झकझोरें। फिर सीने पर थप्पी दें। कोई प्रतिक्रिया न होने पर चिकोटी काटें। फिर भी कोई हलचल न हो तो विंडपाइप पर थोड़ा दबाव डालें। यह गले के दाहिनी ओर होता है। इस बीच एम्बुलेंस को सूचना दें और मरीज की स्थिति बताएं। एम्बुलेंस के आने तक मरीज को सीपीआर दें। इसके लिए मरीज के पास घुटनों के बल बैठ जाएं। हाथों को कंधे से कलाई तक सीधा कर लें। सीने पर दिल के स्थान पर दोनों हथेलियों को एक के ऊपर एक रखें। शरीर को कमर से झुकाते हुए सीने को जोर से दबाएं और छोड़ें। यह क्रिया तब तक करें जब तक कि मरीज की धड़कनें पुन: शुरू न हो जाएं। दबाव डालने पर सीने को कम से कम ढाई इंच तक दबना चाहिए। सीपीआर देने के बाद मरीज के दाहिने हाथ को फैलाते हुए उसे बायीं करवट लिटा दें।
दिल सहित पूरे शरीर को स्वस्थ रखने के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा कि नमक और शक्कर का उपयोग जितना कम किया जाए उतना अच्छा रहता है। प्रतिदिन थोड़ा चलें, दौड़ें, कूदें, योग, व्यायाम करें। इस तरह आप शुगर, बीपी, थाइराइड जैसी बीमारी से शरीर को अशक्त होने से बचा सकते हैं।
इससे पहले साइंस कॉलेज, फॉर्मेसी कालेज, बीएड, ह्यूमिनिटी के विद्यार्थियों की मौजूदगी में डीन डॉ. नीमा एस बालन, साइंस एचओडी डॉ. सीमा वर्मा व बॉयो टेक्नालॉजी की रचना तिवारी के मार्गदर्शन में दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यशाला की शुरूआत हुई। ह्यूमैनिटी की एचओडी ज्योति तिवारी, कामर्स एंड मैनेजमेंट की एचओडी नेहा सोनी सहित सभी विभाग के प्रोफेसर्स मौजूद थे।