भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में सूक्ष्म जीवविज्ञान विभाग एवं सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीएफएमबी), भोपाल के बीच में सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह एवं डॉ. दीपक भारती डायरेक्टर सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी ने इसपर हस्ताक्षर किए। एमओयू के तहत विद्यार्थी एवं शोधकर्ता उच्च शोध अध्ययन के लिए भोपाल स्थिति केन्द्र में जाकर अपना शोध कार्य कर सकते हैं।श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में सूक्ष्म जीवविज्ञान एवं जंतुविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय कार्यशाला के तकनीकी सत्र में मौलिक्यूलर स्तर पर किए जा रहे प्रयोगों में सूक्ष्मजीव एवं पादप से डीएनए को पृथक किया गया एवं पीसीआर के द्वारा विस्तारण (एमप्लिफ्लिकेशन) किया गया।
डॉ. दीपक भारती डायरेक्टर सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, भोपाल ने पोलीमरेज चैन रिएक्शन (पीसीआर), एसडीएस पेज एवं एग्रोजजेल इलेक्ट्रोफॉरेसिस का प्रायोगिक प्रदर्शन किया। मानव रक्त से भी डीएनए को पृथक किया गया एवं उस पर पीसीआर एवं एग्रोज जेल इलेक्ट्रोफॉरेसिस कराई गई।
रक्त प्लाज्मा प्रोटीन पर एसडीएस पेज कराया गया। विद्यार्थियों ने स्वयं इन प्रयोगों को करके देखा, साथ ही श्री शंकराचार्य महाविद्यालय एवं सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, भोपाल संस्था के बीच में सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर एवं आदान प्रदान किया गया, जो कि शोध संबंधी कार्यों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
विद्यार्थियों सहित दूसरे कॉलेज से आए सहायक प्राध्यापक एवं शोधकर्ताओं ने भी कार्यशाला में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। विभिन्न घातक बीमारियों की पहचान एवं इलाज में चल रहे शोध कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए विद्यार्थीगण प्रेरित हुए। मॉलिक्यूलर स्तर पर किए जा रहे कार्यों में आने वाली बाधाओं संबंधी चर्चा की गयी।
महाविद्यालय की निदेशक एवं प्राचार्य डॉ रक्षा सिंह एवं अतिरिक्त निदेशक डॉ जे दुर्गा प्रसाद राव ने कार्यशाला में विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं की सहभागिता को सराहा एवं भविष्य में उन्नत शोध कार्यों के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ रचना चौधरी एवं संयोजक डॉक्टर सोनिया बजाज है।
सहायक प्राध्यापक श्रीमती अर्चना सोनी, आफरीन खानम, श्रद्धा विश्वकर्मा, विकास चंद्र शर्मा, वर्षा यादव एवं श्रीमती अंजना मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।