रूंगटा कॉलेज ऑफ़ टेक्नालॉजी में यातायात जागरूकता सप्ताह का आयोजन
भिलाई। संतोष रूंगटा समूह द्वारा संचालित रूंगटा कॉलेज ऑफ़ साइंस एंड टेक्नालॉजी में यातायात जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया गया। इस दौरान अनेक कार्यक्रमों से विद्यार्थियों को सड़क दुर्घटना से बचने में सावधानी के साथ उपाय बताए गए। कार्यक्रमों के समापन अवसर पर पहुंचे जिले के उप पुलिस अधीक्षक (क्राइम) प्रवीरचंद्र तिवारी ने छात्र-छात्राओं को ट्रैफिक सुरक्षा के लिए अनेक उदाहरणों से यातायात जागरूकता के प्रति उनकी भागीदारी का आह्वान किया। तिवारी ने बया पक्षी के घोंसले का उदाहरण देते हुए बताया कि नर बया पक्षी जब आधा घोंसला बना चुकी होती है तब मादा बया उसका निरीक्षण करती है। अगर उसे वह घोंसला अपने अंडे और बच्चों के लिए सुरक्षित प्रतीत नहीं होता तब नर बया उस घोंसले को वैसे ही अधूरा छोड़कर नए सिरे से नया घोंसला बनाता है। तात्पर्य यह है कि जब पशु-पक्षी भी सुरक्षा के लिए जागरूक और सतर्क हो सकते हैं, तो आदमी से तो एक कदम आगे रहने की अपेक्षा की ही जा सकती है। उन्होंने कहा कि युवाओं को यातायात सुरक्षा के प्रति इस हद तक जागरूक करने की जरूरत है कि वह उनके संस्कार में ढल जाए।
समूह के चेयरमैन संतोष रूंगटा ने इस अवसर पर सभी छात्र-छात्राओं को जीवन का मूल्य समझने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि कई बार युवा नशे की हालत में बिना हेलमेट व अनियंत्रित गति में वाहन चालन कर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं जो अपने साथ औरों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी परिस्थिति में ऐसी गलती न करें।
वहीं डीएसपी तिवारी ने यातायात नियमों से संबंधी छात्रों की जिज्ञासाओं का सटीक समाधान किया। कार्यक्रम में एएसपी प्रवीरचंद्र तिवारी को स्मृति चिन्ह और पौधे भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं साइबर सेल से आरक्षक विजय कुमार शुक्ला की भी सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी प्रो. एस भारती ने किया। इस अवसर पर संस्था प्राचार्य डॉ. मोहन अवस्थी, प्रो. केजे सातव, प्रो. भास्कर पटनायक, प्रो. आनंद कुम्हारे, प्रो. राहुल चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, फैकल्टी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं व एनएसएस स्वयं सेवक उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि श्री तिवारी 38 वर्षों से पुलिस सेवा में अपराध अनुसंधान, कानून व्यवस्था और प्रशिक्षण में अपनी भागीदारी दे रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना में भारत का प्रतिनिधित्व कर डेढ़ वर्ष तक बोस्निया में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्हें 2004 एवं 2015 में राष्ट्रपति पदक से नवाजा जा चुका है।