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हमें अपने आपको वासना से मुक्त रखना चाहिए : संतश्री शंभुशरण लाटा

Jan 23, 2020

भिलाई। सूर्पनखा वासना का एक रूप है, जो लक्ष्मण को अपनी वासना के रंग में रंगना चाहती थी लेकिन लक्ष्मण ने उसे पहचान लिया और उसके नाक-कान काट कर उसे प्रभावहीन कर दिया। बांकेबिहारी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राधा-कृष्ण मंदिर नेहरू नगर में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पंचम दिवस पर कोलकाता से पधारे संत पं. शंभुशरण लाटा जी महाराज ने बहुत सी ज्ञान की बाते कहीं जिन्हें मनुष्य को अपने जीवन में उतारना चाहिए।भिलाई। सूर्पनखा वासना का एक रूप है, जो लक्ष्मण को अपनी वासना के रंग में रंगना चाहती थी लेकिन लक्ष्मण ने उसे पहचान लिया और उसके नाक-कान काट कर उसे प्रभावहीन कर दिया। बांकेबिहारी चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा राधा-कृष्ण मंदिर नेहरू नगर में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पंचम दिवस पर कोलकाता से पधारे संत पं. शंभुशरण लाटा जी महाराज ने बहुत सी ज्ञान की बाते कहीं जिन्हें मनुष्य को अपने जीवन में उतारना चाहिए। संतश्री ने कहा कि हिन्दुओं को दूसरे धर्म से कम अपितु अपने ही धर्म के लोग नुकसान पहुंचाते हैं और फिर धारणा बना लेते हैं कि मेरे धर्म में बुराई है। जबकि उसे अपनी शंका का पहले समाधान करना चाहिए फिर कोई धारणा को व्यक्त करना चाहिए।
यह श्रीराम कथा 15 से 23 जनवरी तक नित्य दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे नियमित रूप से चलती रहेगी। इस कथा का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब के शिव-शक्ति टी.वी. पर किया जा रहा है। राम कथा के अवसर पर समिति के अध्यक्ष संजय रूंगटा महासचिव बंशी अग्रवाल, विजय गुप्ता, विजय अग्रवाल, भगवती रायका, सुरेश केजरीवाल, नेतराम अग्रवाल, आशीष गुप्ता, छोटेलाल अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, गोवर्धन अग्रवाल सहित श्रद्धालु भक्त मौजूद थे।

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