रायपुर। मेकाहारा के एडवांस्ड कैंसर इंस्टीट्यूट (एसीआई) में 75 वर्षीय एक महिला के फेफड़े के कैंसर का सफल इलाज किया गया। फेफड़े के रोगग्रस्त हिस्से को सर्जरी से निकाल दिया गया जबकि स्वस्थ हिस्से को बचा लिया गया ताकि मरीज को भविष्य में सांस लेने में किसी तरह की परेशानी न हो। मरीज रायगढ़ मेडिकल कालेज के अधीक्षक डॉ एमके मिंज की माता हैं। सर्जरी एसीआई के सर्जन डॉ कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में किया गया। दो वर्ष पूर्व मरीज के गर्भाशय कैंसर का इलाज हुआ था। मरीज स्वस्थ थी पर कुछ समय से उन्हें खूब खांसी हो रही थी। एक्स-रे करने पर पता चला कि उनके फेफड़े में एक गांठ है। पहले तो यही समझा गया कि यह गर्भाशय कैंसर का मेटास्टासिस (कैंसर का दूसरे अंगों तक फैलना) है। पेट स्कैन किया गया जिससे यह आशंका निर्मूल साबित हुई। अब मरीज का इलाज फेफड़े के कैंसर के लिए किया जाना था। मरीज को एसीआई के कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरैसिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ कृष्णकांत साहू को रिफर कर दिया गया।
डॉ केके साहू ने बताया कि 75 वर्ष की आयु को देखते हुए उन्होंने पहले मरीज की सर्जरी के लिए वैट्स (वीडिया असिस्टेड थोराकोस्कोपिक सर्जरी) की सलाह दी। पर यह सुविधा केवल दिल्ली के एम्स और सर गंगाराम अस्पताल में ही उपलब्ध है। किन्तु मरीज के डॉक्टर पुत्र ने मेकाहारा के एसीआई पर ही भरोसा जताया और सर्जरी प्लान कर ली गई।
एक दस इंच का चीरा लगाकर फेफड़े को रोगी हिस्से को निकाल दिया गया। साथ ही हाइलर लिम्फ नोड को भी निकाल दिया गया। पूरा ख्याल रखा गया कि फेफड़े का स्वस्थ हिस्सा सुरक्षित रहे ताकि मरीज को भविष्य में सांस लेने में तकलीफ न हो। सर्जरी सफल रही। मरीज स्वस्थ है और घर जाने को तैयार है।
सर्जरी को अंजाम देने वाली टीम में डॉ. कृष्णकांत साहू (विभागाध्यक्ष), हार्ट चेस्ट एवं वेस्कुलर सर्जन, डॉ. निशांत सिंह चंदेल, एनेस्थेसिया विशेषज्ञ – डॉ. ओ. पी. सुंदरानी, नर्सिंग स्टॉफ – राजेन्द्र साहू, चोवाराम, एनेस्थेसिया टेक्निशियन – भूपेन्द्र चन्द्रा शामिल थे।