• Sun. Apr 28th, 2024

Sunday Campus

Health & Education Together Build a Nation

कोविद-19 के पश्चात् अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण पर स्वरूपानंद महाविद्यालय में अन्तरराष्ट्रीय वेबीनार

Jun 27, 2020

International webinar in SSSSMVभिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय में वाणिज्य एवं प्रबंध विभाग के संयुक्त तात्वावधान में कोविद-19 महामारी के पश्चात् अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता एवं पुर्ननिर्माण विषय पर अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों, शोधार्थियों, प्राध्यापकों एवं विषय-विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे व कोविड-19 का अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव का विश्लेषण किया गया।श्री गंगाजली शिक्षण समिति के अध्यक्ष आई.पी. मिश्रा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय डॉ दीपक शर्मा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग डॉ मोनीषा शर्मा ने समसमायिक विषय पर वेबिनार आयोजन के लिये बधाई दी व कहा विचार विमर्ष एवं गहन मंथन से ही कोविड-19 से उत्पन्न समस्याओं का समाधान निकलेगा।
वेबिनार की मुख्य अतिथि एवं वक्ता हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपित डॉ अरुणा पल्टा ने अपने उद्बोधन में कहा कोविड-19 लॉकडाउन के कारण संपूर्ण विश्व में बदलाव हुआ है कोई भी सेक्टर अछूता नहीं है। संपूर्ण विश्व को आर्थिक व वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे विश्व के अनेक देशों में मंदी की स्थिति आ गयी है। इन विषम परिस्थितियों के बाद भी आशा की किरण है कि हम कोरोना वायरस से लडेंगे व जीतेंगे भी। साथ ही हमारी अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पुनः मजबूत स्थिति में आ जायेगी।
सहायक प्राध्यापक वाणिज्य डॉ. अजीता सजीत ने कहा कोविड-19 का विश्व की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है इस पर विचार विमर्ष करना तथा अर्थव्यवस्था के पुर्ननिर्माण के लिये उपाय सुझाना है, जिसके व्यवसायिक संस्थानों में जो नकारात्मकता का संचार हुआ है वह सकारात्मक में बदल सके।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा ग्राहकों के मन में भी भय का संचार हुआ है जो ग्राहक पहले घूमने या समय व्यतीत के लिये मॉल या अन्य स्थानों पर जाते थे उनका व्यवहार बदला है। बड़ी कंपनियों पर कोविड-19 का दुष्प्रभाव पड़ा पर आर्थिक रुप से इतना नुकसान नहीं हुआ कि रोजी रोटी का प्रश्न खड़ा हो जाये। छोटे उद्योग-धंधे बंद होने के कगार पर आ गये है। हमें अपने लोकल प्रोडक्ट की गुणवत्ता को ऊपर उठाना होगा जिससे हम विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके। लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कोरोना से लड़ते हुये हम अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत कर सकते है।
शासकीय योगानंद छत्तीसगढ़ कालेज रायपुर के प्रोफेसर डॉ. तापेशचन्द गुप्ता ने कहा कोविड-19 के कारण बड़े-बड़े बाजार टूट गये। इससे लोकल मार्केट डेवलप हो गये और इसने ही हमें जिंदा रखा। बिचौलिए के हटने से समान सस्ता हुआ जो टमाटर 40 रुपये किलो बिकता था वह लॉकडाउन में 10 रुपये किलो बिका परन्तु जैसे ही लॉकडाउन बढ़ा लोगों ने जमाखोरी शुरू कर दी। पैसा कमाने की होड़ में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को भूल गये। थोक व्यापारी को भी अधिक मुनाफा कमाने की आदत छोड़नी होगी व मजदूरों का पसीना सुखने से पहले उनकी मजदूरी देनी होगी।
डॉ. कल्याण साहू द मैनेजमेंट युनिवर्सिटी ऑफ आफ्रिका, घाना रिसर्च डायरेक्टर ने अपने विचार व्यक्त करते हुये बताया दुनिया के 90 प्रतिशत व्यापार को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि पर्यटन और टेक्सटाइल इंडस्ट्री खत्म होने के कगार पर है फ्रुड, मेनुफैक्चरिंग और डिजिटल इंडस्ट्री ग्रोथ में है। कोविड-19 के दौर में व्यापार के परंपरागत तरीके को छोड़कर डिजिटल तरीके को अपनाना होगा।
श्रीमती वर्तिका पारिख बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर माईक्रोसॉफ्ट स्वीजरलैण्ड ने बताया ग्लोबल जी.डी.पी. 2020 में 3 प्रतिशत कम होने की संभावना है स्वास्थ्य से संबंधित उद्योगों को पुनः नये तरीके से स्थापित करने की जरुरत है। अर्थव्यवस्था के पुर्ननिर्माण की जरुरत है नई तकनीकी लानी होगी। ग्राहक की आवश्यकताओं को डिजिटल तरीके से पूरा करने का प्रयास करना चाहिये।
वेबिनार के पहले दिन डॉ सपना शर्मा, सेंट थॉमस महाविद्यालय, स.प्रा. शैलजा पवार स्वामी श्री स्वरुपानंद सरस्वती महाविद्यालय ने अपना पेपर प्रस्तुत किया।
द्वितीय दिवस का सत्र ज्ञानगंगा इंस्टीट्यूट ऑफ मनैजमेंट के डायरेक्टर डॉ अनिल कुमार धगट के वक्तव्य से प्रारंभ हुआ। कोविड-19 लॉकडाउन के कारण आम आदमी से लेकर व्यापारी, शिक्षण संस्थाओं स्कूल कॉलेज सभी में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। मांग एवं पूर्ति के तरीके में बदलाव आया है। काम के तरीके में बदलाव आया है आज घर से काम की संस्कृति विकसित हो रही है। नौकरी व परीक्षा को लेकर अनिष्चितता की स्थिति बनी हुई है युवाओं को नौकरी के लिये अपनी स्किल को बेहतर करना होगा। सकारात्मक सोच एवं नवीन टेक्नोलॉजी को अपनाना होगा।
डॉ कोसगा यगपाराज प्रो. उत्तरा इंटरनेषनल कॉलेज प्रिन विश्वविद्यालय यूएसए ने कहा ऑन लाईन टीचिंग बहुत चुनौती भरी है इसमें कौशल विकास को शामिल कर उद्यमिता व रोजगार को बढ़ाया जा सकता है। बहुत से देश, राज्य एवं शहर के राजस्व का मुख्य मुख्य आधार पर्यटन उद्योग थे पर लॉकडाउन के कारण पर्यटन और उससे संबंधित होटल व अन्य व्यवसाय बंद है जिसका अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पडे़गा व लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे अतः हमें टूरिज्म सेक्टर में पर्यटकों आकर्शित करने के लिए नई व्यूहरचना बनानी होगी।
वेंकटाचार्य रामोजू काउंलर आबुधाबी यूएई ने बताया लॉक डाउन के कारण सप्लाई चैन में बदलाव आया है। अधिकतर रिटेल क्षेत्र जैसे टेक्सटाईल, फास्टमुविंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी, कार्यक्षेत्र, हास्पिटल में बेहतर सप्लाई चैन नेटवर्क देखने मिला। कोविड-19 लॉकडाउन के कारण सभी लोग रोजमर्रा के समान ऑनलाईन माध्यम से मंगवाने लगे है। हमें ऑनलाईन बिजनेस को नई दिशा देनी होगी। मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देने के लिए सप्लाई चेन नेटवर्क को अपनाना होगा।
सुरेश कोठारी चार्टर्ड एकाउण्टेड दुर्ग ने कहा वोकल फॉर लोकल आत्मनिर्भर भारत के लिये भारत में निर्मित सभी समान को खरीदना चाहिये। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा व भारत निर्भरता की ओर बढ़ेगा अभी भी भारत दूसरे देशों से सामान आयात करता है व अपनी आवश्यकताओं को पूरा करता है ऐसे क्षेत्रों में विशेष रुप से काम करके स्वदेशी को अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाना होगा। दूसरे दिन डॉ सुमोना भट्टाचार्य सहा.प्राध्यापक वाणिज्य अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर, नम्रता देवांगन सहा.प्राध्यापक शिक्षा विभाग शांती बाई कॉलेज माहासमुंद एवं डॉ. शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलाजी स्वामी श्री स्वयपानंद सरस्वती महाविद्यालय भिलाई ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। विभिन्न सत्रों में सभी विषय विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रष्नों का उत्तर दिया।
अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार में राज्य के बाहर एवं अन्य देशों से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। श्रीमती आरती गुप्ता विभागाध्यक्ष प्रबंधन ने वेबिनार में प्रस्तुत विभिन्न विचारों को प्रतिवेदन के रुप में प्रस्तुत किया एवं उसकी उपादेयता पर प्रकाश डाला।
संचालन वेबिनार की संयोजिका डॉ. नीलम गांधी विभागाध्यक्ष वाणिज्य व संगठन सचिव पूजा सोढ़ा सहा.प्रा. वाणिज्य ने किया व धन्यवाद ज्ञापन स.प्रा. प्रबंधन विभाग खुशबू पाठक ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में तकनीकी प्रभारी स.प्रा. टी. बबीता, विभागाध्यक्ष फिजिक्स स.प्रा. गणित निशा पाठक, मीडिया प्रभारी डॉ. श्रीमती सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी ने विशेष सहयोग दिया।

Leave a Reply