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कार्यस्थल यौन उत्पीड़न पर स्वरूपानन्द कॉलेज का हस्तक्षेप

May 26, 2021
Workplace sexual harrasment

भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपांनद सरस्वती महाविद्यालय हुडको के महिला प्रकोष्ठ द्वारा कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुणा पल्टा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय रायपुर की डॉ प्रिया पाण्डेय राव स.प्रा. विधि अध्ययन शाला विशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित थी। अध्यक्षता प्रो. आशा शुक्ला कुलपति डी.बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय इंदौर मध्य प्रदेश ने की। डॉ अरुणा पल्टा ने कहा हम भले ही आधुनिक हो गये है पर समाज की सोच में परिवर्तन नहीं आया है। लड़का रोता है तो कहते है क्या लड़की जैसे रो रहे हो क्या लड़की को रोते रहना चाहिये। अगर लड़की बाइक चलाती दिख जाये तो उसे टॉम ब्वाय कहा जाता है। कपड़ों के रंग को लेकर भी भेद किया जाता है। ऐसा लगता है पढ़ लिख कर महिलाओं ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। उनका काम चार गुना बढ़ गया है। घर एवं कार्यस्थल पर काम करना, बच्चों को पढ़ाना, बाहर की खरीददारी सब उसके हिस्से में आ गयी है। शिक्षा, रोजगार बच्चे के मामले में महिलाओं की सलाह को दर किनार कर दिया जाता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम मजदूरी देना वेतन बढ़ाने के नाम पर यौन उत्पीड़न देखने मिलता है। अभी भी वंश के नाम पर लड़के की चाहत के कारण में महिलाओं का अनुपात पुरुशों की तुलना में 972 था वह घटकर 2021 में 924 हो गया जो दर्शाता है महिला पुरुष में कहीं समानता नहीं है।
प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कार्य स्थल में यौन उत्पीड़न ऐसा विशय है जिस पर खुल कर महिलाएं बात नहीं कर पाती। अगर कार्य स्थल पर कोई व्यक्ति आपको गलत नजर से देख रहा है, गलत हरकतें कर रहा है तो आप तुरंत कार्यवाही करें तथा प्रमुख अधिकारी से शिकायत करे। निवारण न होने पर कलेक्टर से शिकायत कर सकते है। डॉ शुक्ला ने कहा सबका साथ सबका विकास: महिला कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही है ऐसे में गलत हरकत कर आप बड़े नहीं होते बल्कि हंसी के पात्र बनते है आप सहयोगी का आदर व सम्मान करें जिससे अच्छे वातावरण में काम हो सके। उन्होंने बताया स्वरुपानंद महाविद्यालय में आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया है साथ ही छात्राओं को किसी प्रकार के विसंगत, भेदभाव व उत्पीड़न की शिकार न हो उसके लिये लैंग्गिक मुद्दा सेल का गठन किया गया है उसमें छात्रों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया।
महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने महिला प्रकोष्ठ की सराहना करते हुये कहा कि इस संवेदनशील विषय पर वेबिनार के आयोजन से महिलायें अपने कानूनी अधिकर एवं प्रावधान को समझ पायेगी एवं किसी तरह की विपरीत स्थिति में वह सही निर्णय लेकर अपना बचाव कर सकती है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ तृशा शर्मा प्रभारी महिला सेल ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिलायें सशक्त है कमजोर नहीं। वे उच्च पदों पर आसीन है और सफलतापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं। लेकिन आज भी कार्यस्थल पर महिलाओं का शारीरिक शोषण होता है। इस गंभीर और संजीदा विषय को लेकर बातचीत के लिये मजबूर है महिलायें कैसे कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकार होती है। उन परिस्थितियों का किस प्रकार सामना करें, उनके कानूनी उपचार क्या है इन्हीं बिन्दुओं पर जानकारी देने के लिये कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
डॉ प्रिया पांडे राव ने कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न कानून की जानकारी दी व बताया जिस कार्य स्थल पर 10 से अधिक महिला काम करती है वहां आंतरिक शिकायत समिति बनाई जानी चाहिये। इसकी जिम्मेदारी नियोक्ता की है। उन्होंने बताया कि छूना ही नहीं, अपितु अश्लील भाव भंगिमा, अश्लील बाते, गंदे विडियो देखने के लिये मजबूर करना यौन हिंसा के अंतर्गत आता है। अगर पीड़ित महिला अनपढ़ है, बीमार है या मृत्यु हो गई है तो पीड़िता की ओर से संस्था, रिश्तेदार, परिचित शिकायत कर सकते हैं।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डॉ आशा शुक्ला ने बताया यौन उत्पीड़न होने पर महिला घटना के दिन से तीन माह के भीतर शिकायत कर सकती है। इस प्रकार के केस में महिला अवसाद में चली जाती है। घर व समाज के दबाव के कारण शिकायत करने का निर्णय जल्दी नहीं ले पाती। किसी कारण से तीन माह में शिकायत दर्ज ना हो तो इंटरनल कमेटी के अनुमति लेकर भी शिकायत कर सकती है।
रितेश पटेल एम.एड. शक्ति महाविद्यालय ने अपराध होने के बाद निदान खोजने के बजाय कारण को समाप्त करने की बात कही। डॉ के स्वर्णी ने दूसरे देशों की तुलना में भारत में बढ़ रही महिलाओं के प्रति यौन हिंसा पर चिंता व्यक्त की। डॉ शमा अ बेग ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर ठोस कदम उढ़ाने की बात कही।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन सचिव डॉ अजीता सजीत विभागाध्यक्ष वाणिज्य, स.प्रा. उषा साहू शिक्षा विभाग, मीडिया प्रभारी डॉ सुनीता वर्मा विभागाध्यक्ष हिन्दी, तकनीकी प्रभारी टी. बबीता विभागाध्यक्ष भौतिक शास्त्र ने विशेष योगदान दिया।
कार्यक्रम में 115 से अधिक शोधार्थी, प्राध्यापक उपस्थित हुये। संचालन डॉ तृषा शर्मा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ उषा साहू ने किया।

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