भिलाई। एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग में आज 5 मई को अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ डे के अवसर पर ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कला एवं स्लोगन प्रतियोगिता में नर्सिंग एवं जीएनएम की छात्राओं ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि एक गर्भवती का ध्यान रखने से शुरू होकर एक मिडवाइफ का काम प्रसव के बाद तक जारी रहता है। प्रसव के दौरान होने वाली माता एवं शिशु की मृत्यु दर को कम करने में मिडवाइफ का बड़ा योगदान होता है।महाविद्यालय के प्राचार्य डैनियल तमिलसेलवन ने कहा कि इंटरनेशनल कंफेडरेशन ऑफ मिडवाइव्स द्वारा 5 मई को अंतरराष्ट्रीय मिडवाइफ डे मनाए जाने की शुरुआत 1992 में की गई। इसका उद्देश्य सुरक्षित प्रसव में इनके योगदान को सराहना था। यह एक ऐसा पेशा है जो दिन पर दिन मुश्किल होता जा रहा है और जिसकी जरूरत पहले से भी कहीं ज्यादा महसूस की जा रही है।
हर दिन कोई 800 महिलाएं और 8,कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं के लिए ऑनलाइन कला और स्लोगन प्रतियोगिता रखी गई, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बताया कि भगवान सभी जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने मां बनाई। मिडवाइफ वह होती हैं जो गर्भावस्था के दौरान महिला का और जन्म के बाद कुछ दिनों तक जच्चा-बच्चा दोनों का पूरा ख्याल रखती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में वाइस प्रिंसिपल सीजी थॉमस, एवं लेक्चरर मिस कविता सिन्हा (ओबीजी डिपार्टमेंट) और कॉलेज के सभी शिक्षक गण एवं छात्रा छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।