बेमेतरा। गांवों को और मजबूत करने के अपने वादे के तहत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो बड़ी घोषणाएं की हैं। इसके तहत गरीब परिवारों को जुलाई से नवम्बर तक पांच माह का राशन निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। साथ ही सभी कार्डों पर अतिरिक्त चावल प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही खेत-खिलहानों तक पहुंच सुगम बनाने धरसा विकास योजना पर भी अमल प्रारंभ हो गया है।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के गरीब परिवारों को बड़ी राहत देते हुए जुलाई से नवम्बर माह तक का चावल निःशुल्क प्रदान करने की घोषणा की है। प्रदेश के सभी बीपीएल राशन कार्ड धारकों को जुलाई से नवम्बर तक पांच माह का चावल निशुल्क दिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी सभी राशन कार्डों को पीएम गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी देने की घोषणा की है। इस घोषणा से प्रदेश के 67 लाख 90 हजार 987 राशनकार्ड के 2 करोड़ 51 लाख 46 हजार 424 सदस्य लाभान्वित होंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य के गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत माह मई एवं जून का चावल का भी निशुल्क वितरण किया गया है। इस निर्णय से प्रदेश के अंत्योदय राशन कार्ड, प्राथमिकता वाले राशन कार्ड, अन्नपूर्णा राशनकार्ड एवं निराश्रित तथा निशक्तजन राशन कार्डधारियों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जारी सभी राशन कार्डधारियों को पीएम गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि किसानों को उनके खेतों तक सुविधाजनक पहुंच के लिए प्रदेश में जल्द ही धरसा विकास योजना प्रारंभ की जाएगी। इसके तहत गांव के कच्चे रास्तों (धरसों) को पक्का किया जाएगा ताकि ग्रामीण एवं मवेशी बरसात सहित सभी मौसम में सुगमता से आवाजाही कर सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय निर्माण कार्य भले ही थोड़ा प्रभावित हुए लेकिन उससे ज्यादा जरूरी काम हमने पूरी ताकत के साथ जारी रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर से विकास के जो काम प्रभावित हुए थे, उन्हें अब पूरी रफ्तार के साथ पूरा किया जाएगा। कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बाद इसकी शुरूआत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल की विपरित परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासियों सहित सभी वर्गों के हित में काम कर रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने किसानों की निराशा दूर करने का काम किया। खेती-किसानी के कामों में जब-जब किसानों को जरूरत हुई तब-तब राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्तें उनके खातों में पहुंचती रहीं। पिछले साल इस योजना में चार किश्तों में 19 लाख किसानों के खाते में 5628 करोड़ रूपए की राशि सीधे भेजी गई। अब इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान और गन्ने के साथ-साथ अरहर, मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, दलहन-तिलहन को भी शामिल किया गया है।
श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के समय में गोधन न्याय योजना ने किसानों और पशुपालकों को बड़ा सहारा दिया है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 95 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। पिछले लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के कार्यों में रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य रहा है। इस वर्ष भी मनरेगा में 2 महिनों में साल भर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।