दुर्ग। “शेयर फैक्ट ऑन ड्रग्स : सेव लाइव्स” संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तावित ड्रग्स के दुरूप्रयोग के साथ-साथ उनके गैर कानूनी व्यापार के खिलाफ लड़ने के लिये प्रतिवर्ष 26 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय दिवस वीवायटी साइंस कालेज के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा मनाया गया। यह दिवस समाज के स्वास्थ लक्ष्य को हासिल करने एवं इसकी कार्यवाही को मजबूत करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समर्पित होता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में सूक्ष्मजीव विज्ञान के विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रज्ञा कुलकर्णी ने इस वर्ष मनाये जाने वाले थीम को समझाते हुए बताया कि ड्रग का सेवन या लत सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विष्व के युवाओं को बल्कि विभिन्न आयु वर्ग के प्रभावित करती है। यह मनुष्य को सामाजिक, शारीरिक, सांस्कृतिक, भावनात्मक एवं आर्थिक स्तर पर नष्ट करती है। निकोटिन, कोकिन, कैफीन, मार्फिन, कैनबिस, मारिजुआना इत्यादि कुछ ऐसी नशीली दवायें है, जो मनुष्य के तंत्रिका तंत्र का अस्थायी तथा स्थायी रूप से उतेजित करती है। तत्पश्चात् एम.एससी चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा योगिता लोखंडे ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के द्वारा इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस के इतिहास को बताते हुए जानकारी दी कि 26 जून 1988 से प्रतिवर्ष अलग-अलग थीम/विषयों पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से यह दिवस विश्व भर में मनाया जाता है। प्रस्तुतिकरण में ड्रग्स के प्रकार एवं भारतीय सर्वेक्षण के अनुसार विभिन्न प्रकारों के ड्रग्स के उपयोग और उनसे होने वाली हानियों को विस्तारपूर्वक समझाया। भारत में अल्कोहल का सर्वाधिक उपयोग होता है, जिसके बाद भांग, चरस, गांजा एवं अंत में अफीम इत्यादि क्रमष: उपयोग में लाये जाते है। इनके उपयोग से शारीरिक एवं स्वाभावगत परिवर्तनों के कारण इनके दुरूप्रयोग और संबंधित जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम के अंत में स्वाति बेहारी एवं छाया साहू ने पोस्टर के माध्यम से जागरूकता की आवष्यकता को रेखांकित किया।
कार्यक्रम का संचालन रेखा गुप्ता ने एवं धन्यवाद ज्ञापन अनामिका शर्मा ने प्रस्तुत किया।