नई दिल्ली। इंसानों में कैंसर का पता लगाने के लिए अब तक कुत्तों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। माना जाता है कि कुत्ते कैंसर रोगियों को अलग से पहचान लेते हैं। पर अब वैज्ञानिकों ने चींटियों की एक प्रजाति को इसके लिए ट्रेन किया है जो इस मामले में कुत्तों से भी ज्यादा तेज हैं। चींटियां न केवल कैंसर कोशिकाओं को पहचान जाती हैं बल्कि उनके अलग अलग स्ट्रेन्स में भी फर्क कर लेती हैं।फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के वैज्ञानिकों ने इसके लिए फॉरमाइका फुस्का प्रजाति की चींटियों का इस्तेमाल किया। इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए रिवार्ड सिस्टम का उपयोग किया गया अर्थात जब भी चींटियां सही होतीं तो उन्हें चीनी का घोल दिया जाता। वैज्ञानिकों ने कहा कि चींटियां इस मामले में ज्यादा सटीक हैं और कुत्तों को प्रशिक्षित करने की अपेक्षा इन्हें प्रशिक्षित करना आसान है। यह कम खर्चीला भी है।
वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि चींटियों की इस क्षमता का उपयोग हथियार तथा विस्फोटक तलाशने के लिए भी किया जा सकता है।
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