भिलाई। डेन्टिस्ट का एक औजार मुंह में छिटक गया. मरीज के मसूढ़ों के एक दांत में सड़न थी जिसे वह साफ करने की कोशिश कर रहा था. यह बेहद धारदार औजार सीधे मरीज के पेट में पहुंच गया. मशीन का यह छोटा सा पुर्जा आहार नली, आमाशय, अंतड़ियां – जहां जहां से गुजरता, वहां घाव बना सकता था. यह कहीं भी धंस कर छेद बना सकता था. इस औजार को बेहद सावधानी के साथ हाईटेक हॉस्पिटल में निकाला गया.
हाइटेक सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ आशीष कुमार देवांगन ने बताया कि बोरसी निवासी 55 वर्षीय इस मरीज को खुद डेंटिस्ट ही लेकर पहुंचा था. उसने पुर्जे के आकार का वर्णन करते हुए बताया कि वह किस तरह छूटा और पेट तक जा पहुंचा. डॉ देवांगन ने तत्काल मरीज की एंडोस्कोपिक जांच की. मरीज किस्मत का धनी था. औजार बिना आहार नली को कोई नुकसान पहुंचाए आमाशय तक पहुंच गया था.
पर इसे बाहर निकालना एक बड़ी समस्या थी. इस छोटे से पुर्जे को सही ढंग से पकड़ना जरूरी था ताकि उसकी नोक आमाशय या आहार नली की सतह को छू न सके. काफी कोशिशों के बाद उन्हें इस पुर्जे को उसकी नोक वाले हिस्से से पकड़ने में सफलता मिली. अब उसे इस तरह बाहर लाना था कि मरीज को न तो हिचकी आए और न ही वह कुछ गटकने की कोशिश करे. इसके लिए जरूरी था कि बाहर आते समय उपकरण का कोई भी भाग भीतरी सतह को स्पर्श न करे. लगभग आधा घंटे की मशक्कत के बाद वे पुर्जे को बाहर निकालने में सफल रहे.
एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट को 2017 में शुरू किया गया था. 44 बिस्तरों वाले इस केन्द्र में 22 बिस्तरों का कार्डियक आईसीयू है. गरीबों को शासकीय योजनाओं के तहत यहां मुफ्त सेवाएं दी जाती हैं. सर्जरी विभाग के एचओडी डा. केके साहू ने बताया कि इंस्टीट्यूट में कई आपरेशन ऐसे हुए जो राज्य में अपनी तरह के पहले केस थे. इसमें हृदय के पीछे ट्यूमर, ट्रामेटिक काइलोथोरेक्स, टूटे हुए थोरेसिक डक्ट जैसी जटिल हृदय रोगों का इलाज किया गया. इनफीरियर वेना केवा कैंसर (हृदय के ऊतकों का कैंसर) की सर्जरी राज्य का पहला और देश का 13वां केस था, जिसका सफल इलाज किया गया। कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 10,000 से अधिक कार्डियक प्रोसीजर्स किये जा चुके हैं. विभाग में प्रतिदिन 150 से ज्यादा मरीज आते हैं. 2021 में कुल 1172 मामले आए. अगस्त 2022 तक कुल 1022 मामले आए हैं जिसमें बच्चों के 21 मामले भी शामिल हैं. समय-समय पर यहां आने वाले लोगों को अनियमित दिनचर्या को सुधारने और खान-पान व्यवस्थित करने के जागरूक भी किया जाता है.