भिलाई। किडनी विकार कितना घातक हो सकते हैं और इसके कैसे-कैसे लक्षण सामने आ सकते हैं इसका ताजा उदाहरण आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में सामने आया है. गुंडरदेही का एक किसान कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद यहां पहुंचा था. तीन दिन से उसे पेशाब नहीं हो रहा था. पेट के साथ ही पूरा शरीर सूजा हुआ था. जांच के उपरांत मरीज की डायलिसिस शुरू की गई. तीन चक्र डायलिसिस से लगभग सात लिटर पानी निकाल देने के बाद मरीज को आराम मिला. पर पैरों में सूजन अब भी बाकी है.
आरोग्यम के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ आरके साहू ने बताया कि मरीज के किडनी में संक्रमण था. मरीज को लगभग चार साल से डायबिटीज की शिकायत है. पिछले कुछ समय से उसका रक्तचाप भी काफी बढ़ा हुआ था. किडनी और लिवर में पस सेल्स भर गए थे. मरीज को अभी डायलिसिस के कुछ और चक्रों की जरूरत पड़ेगी.
उन्होंने बताया कि रोगी को पेशाब में जलन के साथ ही हल्के बुखार की शिकायत कुछ समय से थी. दो महीने से उसका बीपी बढ़ा हुआ था. पर दोनों लक्षणों के संभवतः एक साथ जोड़कर देखा नहीं गया. वह कुछ अन्य अस्पतालों में भर्ती भी हुआ था. रोग की पहचान में वक्त लग गया और मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच गया. पेशाब से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या का तत्काल आकलन किसी योग्य यूरोलॉजिस्ट या नेफ्रोलॉजिस्ट से करवाना चाहिए. विशेषकर तब जब शरीर से पानी निकालने की गोलियां काम न कर रही हों और मरीज को बुखार भी हो. ऐसे मामलों में मरीज का रक्तचाप भी अनियंत्रित रहता है.