रायपुर. राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में देश-विदेश से आए कलाकारों ने “सारे जहां से अच्छा” की धुन पर रेम्प वॉक किया. कलाकारों ने अलग-अलग डांस फॉर्म प्रस्तुत कर अपने देश की जन जातीय नृत्य की झलक दिखलाई. इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं मंत्रीगण उपस्थित थे. देश-विदेश से आए नृत्य दलों ने सामूहिक कदमताल से पिरोई अनेकता में एकता की माला, एकसार हुए पुरातन सभ्यता और संस्कृति के रंग.
इनमें से अधिकांश दल पहली बार भारत और छत्तीसगढ़ आए हैं. इन कलाकारों ने छत्तीसगढ़ सरकार को मंच से धन्यवाद दिया. सबसे पहले रेम्प पर इजिप्ट के कलाकारों ने अपनी लोक शैली की झलक प्रस्तुत की. इसके बाद इंडोनेशिया, मालदीव के नर्तकों ने अपनी प्रस्तुति दी. मोजाम्बिक के दल ने शानदार एंट्री कर सबका मन मोह लिया. मंगोलिया के कलाकारों ने सफेद और नीले रंग में नृत्य की छटा बिखेरी. न्यूजीलैंड के नर्तक काली वेशभूषा में नजर आए. रुस, रवांडा, सर्बिया, टोगो की टीम ने भी नृत्य की शानदार झलक दिखाई.
देश के विभिन्न राज्यों में आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के नर्तक दल के कलाकार पारंपरिक वेश भूषा के साथ रैंप पर उतरे. असम, जम्मू-कश्मीर के बाद गोवा के कलाकारों ने पारंपरिक परिधान और वाद्य यंत्रों के साथ तथा गुजरात के नर्तक दल ने शानदार प्रदर्शन किया. हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के नर्तक दल ने सुंदर पोशाक में नृत्य शैली की झलक प्रस्तुत की. कर्नाटक का नर्तक दल थाप पर थिरका. राजस्थान, केरल, लक्षदीप, लद्दाख, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड के नर्तक दलों ने जनजातीय शैली की झलक प्रस्तुत की. ओडिशा, झारखंड, सिक्किम, त्रिपुरा के वनांचल से आए नर्तक दल ने भी जनजातीय नृत्य शैली की झलक प्रस्तुत की. त्रिपुरा के नर्तक दल ने सिर पर चिमनी रख कर नृत्य प्रस्तुत किया. तेलंगाना के नर्तक रंग बिरंगी वेश-भूषा में सिर पर मयूर पंख लगाए हुए थे. तमिलनाडु नर्तक दल ने जनजातीय शैली का प्रदर्शन किया. आखिरी में सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया हमारी छत्तीसगढ़ का नर्तक दल रैंप पर उतरा.
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