दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग के द्वारा ‘Emerging materials and Nanotechnology’ विषय पर NCEMN के 12वें राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. 18 एवं 19 नवम्बर 2022 को आयोजित इस दो दिवसीय सेमीनार में देश के विभिन्न प्रांतों से जाने माने वैज्ञानिक उपस्थित हुए. कार्यक्रम संयोजक डाॅ. अलका तिवारी ने सभी का स्वागत किया तथा विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. अनुपमा अस्थाना ने कांफ्रेंस के संबंध में जानकारी दी. आयोजन सचिव डाॅ. अजय सिंह ने उद्घाटन समारोह में शामिल सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन दिया. इस उद्घाटन समारोह का संचालन डाॅ. सुनीता मैथ्यू एवं डाॅ. सुनिता सिंह सावरिया ने किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर III Bhilai ने अपने उद्बोधन में कहा कि मल्टीडिस्पिलनरी रिसर्च विभिन्न संस्थानों के collaboration से हो तथा शोध हमेशा समाज के लिए उपयोगी हों.
मुख्य वक्ता आईआईटी कानपुर के प्रो. एन.जे गजभिये ने कहा कि आने वाला भविष्य Nanotechnology पर आधारित होगा. Solid State Chemistry का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किये जाने हेतु शोध पर जोर दिया. ISCAS के अध्यक्ष डाॅ. एन. बी. सिंह ने सस्टेनेबल रिसर्च पर जोर दिया. ISCAS के संस्थापक डाॅ. आई.बी. शर्मा ने Solid State तथा उससे संबंधित क्षेत्रों में नये शोध पर जोर दिया.
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने कहा कि रिसर्च कभी भी प्रयोगषाला के अंदर रहने वाला शोध नही होना चाहिए. शोध कार्य तभी महत्वपूर्ण है जब उसका लाभ आम जनता को मिले. इसलिए शोध हमेशा प्रयोगशाला से समाज में संचालित होने वाला होना चाहिए.
उद्घाटन समारोह के पश्चात् सोविनियर का अनावरण किया गया इसके पश्चात् ISCAS (Endowment) अवार्ड प्रदान किया गया. इस वर्ष ISCAS अवार्ड आईआईटी हैदराबाद के प्रो. एस.पी. सिंह तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. सरोज कुमार शुक्ला तथा प्रो. आंचल श्रीवास्तव को दिया गया.
कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के डाॅ. आर. के. शुक्ला, आमंत्रित वक्ता आईआईटी हैदराबाद के डाॅ. एस.पी. सिंह तथा लखनऊ विश्वविद्यालय के डाॅ. अंचल श्रीवास्तव रहे. इन्होंने अपने व्याख्यान में जिंक आक्साईड पर आधारित नैनोस्ट्रक्चर, उनके पाउडर एवं थिन फिल्म संरचना, मारफोलाॅजी तथा आॅप्टिकल गुणों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला. डाॅ. एस.पी. सिंह ने फोटोनिक डिवाइसेस के लिए एप्लिकेशन आधारित आर्गेनिक रंजकों के िसंथेसिस पर जानकारी दी. इसके पश्चात् देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये शोध विद्यार्थियों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इस सत्र कीे अध्यक्षता प्रो. आई.बी. शर्मा ने की.
द्वितीय तकनीकी सत्र में डाॅ. ए.के. बाजपेयी शासकीय महाविद्यालय, सिवनी (म.प्र.) ने हेल्थकेयर के क्षेत्र में उभरते नैनोमटेरियल पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी. दिल्ली विश्वविद्यालय के डाॅ. सरोज के शुक्ला ने पाॅलीमर नैनो कम्पोजिट के पोटंेशियल एवं प्राॅस्पेक्ट्स पर अपना व्याख्यान दिया. बनारस हिंदु विश्वविद्यालय के डाॅ. अखिलेश कुमार सिंह में क्रिस्टल स्ट्रक्चर फेज के एक्सिटेंस तथा इलेक्ट्रिक फिल्ड इंडयूसड फेज ट्रांजिसन पर जानकारी दी. इसके पश्चात् विभिन्न प्रातों के शोधार्थियों ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया. इस तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डाॅ. एस.पी. सिंह ने किया.
तृतीय तकनीकी सत्र में शोध पत्र छात्राओं ने अपने रिसर्च पर आधारित पोस्टर प्रस्तुत किया.
19 नवम्बर को प्रातः 9.00 बजे चतुर्थ तकनीकी सत्र में अपने विशेष व्याख्यान में हैदराबाद के डाॅ. टाटा नरसिन्हा राव ने अपने व्याख्यान में भारत में एनर्जी स्टोरेज टेक्नालाॅजी की वर्तमान स्थिति तथा टेक्नालाॅजी डेव्हलपमेंट एवं रोड मैप बनाने में ARCI की भूमिका पर प्रकाश डाला. ASCAS जम्मू के डाॅ. इंदू भूषण शर्मा ने नवीन फिजिकल गुणों वाले मटेरियल्स की खोज करने पर जोर दिया. हैदराबाद के डाॅ. वी.वी. सारदा ने एनर्जी एवं हेल्थ केयर के क्षेत्रों में आधुनिक मटेरियल्स एवं उनके प्रोसेस पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी. इस सत्र की अध्यक्षता डाॅ. अंचल श्रीवास्तव ने की.
पांचवे तकनीकी सत्र में एनआईटी पटना के डाॅ. डी.के. महतो तथा ग्रेटर नोयडा के डाॅ. एन.बी. सिंह ने अपना आमंत्रित व्याख्यान दिया. उन्होंने अपने व्याख्यान में सीमेंट तथा कांक्रीट के गुणों पर नैनोमटेरियल्स के प्रभावों की महत्वपूर्ण जानकारियां दी. उन्होंने बताया कि नैनोमटेरियल्स कांक्रीट स्ट्रक्चर की लाइफ एवं परफार्मेस को बढ़ाता है. इस सत्र की अध्यक्षता डाॅ. सरोज के शुक्ला ने की. इसके पश्चात् शोध पत्र प्रस्तुत किये गए.
छठवें एवं अंतिम तकनीकी सत्र में केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर के डाॅ. जय सिंह तथा बिलासपुर के डाॅ. आर.पी. पटेल ने अपने विषेष व्याख्यान दिया. तत्वपश्चात् मौखिक शोधपत्र प्रस्तुत किये गए.
इसके पश्चात् समापन समारोह का आयोजन किया गया. समापन समारेाह प्रो. आई.बी. शर्मा की अध्यक्षता एवं डाॅ. टाटा नरसिन्हा राव के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ. समापन समारोह में शोधपत्र एवं श्रेष्ठ पोस्टर के लिये शोधार्थियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया.
इस दो दिवसीय सेमीनार में देष के 15 राज्यों के कुल 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. इस सेमीनार के आयोजन से महाविद्यालय एवं इस अंचल के विद्यार्थियों के लिए निष्चित रूप से शोध क्षेत्र में नये आयाम खुलेंगे तथा उनमें शोध के प्रति रूझान पैदा होगा.
कार्यक्रम के सफल आयोजन में रसायन शास्त्र विभाग के सभी प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों का विशेष योगदान रहा.