भिलाई. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के अवसर पर कराओके म्यूजिक वर्ल्ड ने सुरो की महफिल सजाई. नेहरू नगर में आयोजित इस सुरमई संध्या में 60 और 70 के दशक के गीतों ने कुछ ऐसा समा बांधा कि लोग आधी रात तक इसमें बंधे रह गए. रफी-किशोर-मुकेश के अलावा हेमंत कुमार, भूपिन्दर, अमित कुमार, लता, आशा और गीता दत्त के कालजयी गीतों के साथ ही जगजीत सिंह की मखमली आवाज को भी प्रस्तुत करने के प्रयास किये गये.
कराओके म्यूजिक वर्ल्ड के संस्थापक अध्यक्ष ज्ञान चतुर्वेदी की अगुवाई में हुआ शहर के पुराने संगीत प्रेमियों का यह 15वां पड़ाव था. आयोजन में सीमा व विनोद अरोरा, अलका व राकेश शर्मा, रजनी एवं अशोक आर्य, सतीश जैन, श्याम शेखर, अलका एवं दीपक दास, नीलू एवं राजीव वर्मा, श्रीमती एवं श्री कुण्डू, जीएमएस नायडू, भागवत टावरी, ओपी यादव, श्याम सहाय, संजय मोरे आदि ने अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियां दीं. समूह की रॉकस्टार नीलू वर्मा के ऊर्जा से भरपूर परफारमेंस ने मौसम ही बदल दिया.
राकेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि फर्क इससे नहीं पड़ता कि समस्या का हल कैस निकलेगा या कौन निकालेगा, फर्क इससे पड़ता है कि इसके लिए पहल कौन करेगा. उन्होंने कहा कि संसार की सभी समस्याओं का हल संभव है, बस पहल करने की जरूरत है. अलका दास ने एक स्वरचित कविता का पाठ किया. सुरमयी शाम का समापन अपने समय के चार्टबस्टर गीत “रमैया वस्तावैया” के समूह गायन से हुआ.