युद्ध में जान-माल की बड़े पैमाने पर हानि होती है. पर इसका एक स्याह पक्ष और भी है. युद्ध के दौरान महिलाओं एवं बच्चों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सेना किस देश की है. ब्रिटिश सेना ने केन्या में महिलाओं पर ऐसा अत्याचार किया कि पीड़िताओं ने अपना अलग गांव बसा लिया. सामूहिक बलात्कार और अप्राकृतिक कृत्यों का शिकार हुई ये महिलाएं अब जेवर बनाकर अपना गुजर बसर करती हैं. इस गांव में पुरुषों की नो एंट्री है.
जी हां! हम बात कर रहे हैं केन्या की. 1990 में ब्रिटिश सेना ने यहां जमकर कोहराम मचाया था. औरतों पर जमकर अत्याचार किये गये थे. इन्हीं औरतों के लिए संभूरू राज्य में एक गांव बसाया गया, उमोजा. बाद के वर्षों में रेप पीड़ित और महिलाएं भी यहां आकर रहने लगीं. यहां औरतें पूरी आजादी के साथ रहती हैं. इस गांव में महिलाओं को रहने और आने जाने की पूरी आजादी है पर पुरूषों को रहने की इजाजत नहीं है. अब यहां घरेलू हिंसा, रेप, बाल विवाह का शिकार हुई महिलाएं रहती हैं.
रंग बिरंगे परिधानों में विचरण करती महिलाएं इस गांव को बेहद खुशगवार बनाती हैं. यहां की महिलाओं की जीविका का जरिया इनके द्वारा बनाया गया आभूषण है. इसके अलावा कई संस्थाएं इनकी मदद भी करती हैं. इन महिलाओं का जीवन बहुत कठिन है, लेकिन ये फिर भी बहुत खुश हैं क्योंकि यहां उन्हें पुरूषों का अत्याचार नहीं सहना पड़ता.