भिलाई। गृहिणियों की अपनी संस्था स्वयंसिद्धा अब उन गृहिणियों को आगे बढ़ाएगी जिन्होंने विवाह के बाद भिलाई को अपना घर और अपनी पहचान बना लिया. भिलाई को लघुभारत बनाने में इन महिलाओं का सबसे बड़ा योगदान है. उनके साथ उनका खान-पान, उनका रहन सहन, उनके संस्कार भिलाई की फिजां में घुल गए. उन्होंने सामाजिक समरसता की एक ऐसी विरासत इस्पात नगरी को सौंपी जो कालांतर में उसकी पहचान बन गई. आगामी 14 अप्रैल को ‘भिलाई की बहू’अभियान को लांच किया जाएगा. इसके पोस्टर का विमोचन हाल ही में महापौर नीरज पाल ने किया है.
स्वयंसिद्धा की डायरेक्टर डॉ सोनाली चक्रवर्ती ने बताया कि विवाह के बाद भिलाई आकर हमेशा के लिये यहीं की हो गई इन बहुओं में कामकाजी और घरेलू, दोनों प्रकार की गृहिणियां शामिल थीं. चाहे वह बीएसपी के इंग्लिश मीडियम स्कूल हों या स्वनामधन्य महिला समाज, यही महिलाएं इनकी नींव का पत्थर बनीं. भिलाई का महिला समाज देश में अग्रणी साबित हुआ. भिलाई के स्कूलों ने इसे एजुकेशन हब बना दिया. पर बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं भी थीं जिन्होंने स्वयं को घर गृहस्थी में नियोजित किया और संतानों को पुष्ट और संस्कारित करने में खामोशी से अपना योगदान देती रहीं. अब इन महिलाओं को आगे लाना है.
डॉ. सोनाली ने बताया अभियान का उद्देश्य अलग-अलग प्रांतों से आई इन बहुओं को एकजुट करना है. इन लोगों ने हमेशा भिलाई की भलाई के लिए काम किया और कर रही हैं. ये भिलाई से प्यार करती हैं और अपना शेष जीवन भी यहीं व्यतीत करना चाहती हैं. इन्हें सामाजिक गतिविधियों से जोड़कर ‘स्वयंसिद्धा’ समाज की कई विषमताओं को दूर करने का प्रयास करेगी.
पोस्टर लांचिंग के दौरान बिपाशा हालदार, सीमा सिंह, सोमाली शर्मा, देबजानी मजूमदार,अनीता चक्रवर्ती, संगीता जायसवाल एवं रीता वैष्णव उपस्थित थे.