भिलाई। अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन – ईसीए ने प्री-प्रायमरी एवं प्रायमरी स्कूलों के चतुर्थ श्रेणी के स्टाफ को बच्चों की देखभाल करने का सही तरीका सिखाया। इसके तहत उन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता, बच्चों के सम्पर्क में आने का सही तरीका सिखाया गया। छत्तीसगढ़ में अपनी तरह के इस पहले कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के 80 कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। कृष्णा पब्लिक स्कूल कुटेला भाठा की उप प्राचार्य श्रीमती मृदु लखोटिया एवं माइल स्टोन्स की संचालक प्राचार्य डॉ ममता शुक्ला की अगुवाई में इस कार्यशाला का आयोजन माइल स्टोन्स स्कूल सभागार में किया गया। विगत वर्षों में स्कूली बच्चों के साथ शाला परिसर तथा स्कूल बस में होने वाली अप्रिय घटनाओं की रोकथाम के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। श्रीमती लखोटिया ने बताया कि कार्यशाला में इन कर्मचारियों को व्यक्तिगत स्वच्छता का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही वेषभूषा एवं वाणी के संयम का पाठ पढ़ाया गया। बच्चों को अनिवार्य परिस्थितियों के अलावा स्पर्श नहीं करने का सुझाव देते हुए उन्हें बच्चों को पकड़ने या उनकी सहायता करने का सही तरीका भी सिखाया गया। इसके साथ ही गुड टच, बैड टच का पाठ पढ़ाने के साथ ही उन्हें कानूनों के प्रति भी सचेत किया गया।
डॉ ममता शुक्ला ने बताया कि छोटे बच्चे अपने परिवेष एवं अनुभव से ज्यादा सीखते हैं। अपने घरों से बाहर निकलने, अजनबियों से मिलने तथा अलग-अलग तबके के लोगों से मेलजोल का भी यह उनका पहला अनुभव होता है। इस अवधि मेें वे जिनके भी सम्पर्क में आते हैं, उनके प्रति उनकी धारणा भी बनती जाती है। इसलिए जरूरी है कि टीचिंग के साथ ही नॉन टीचिंग स्टाफ भी बच्चों की उपस्थिति में अपनी बोलचाल एवं हावभाव पर विशेष ध्यान दें। कार्यशाला को प्रफुल्ल शाह एवं एस चन्द्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने बच्चों पर नजर रखने तथा उनकी जरूरतों को भांप लेने के बारे में जानकारियां दीं।
इस कार्यशाला में स्कूल बस के ड्राइवर, कंडक्टर, भृत्य, माली, आया सहित 80 अन्य कर्मचारी शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यशाला को बेहत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि इसका लाभ उन्हें न केवल स्कूल में बल्कि अपने घर तथा समाज में भी मिलेगा।