रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के बढ़ते प्रकरणों पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य की भाजपा सरकार की उदासीनता को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों में 14 हजार से ज्यादा बच्चे तथा लगभग 15000 युवतियां प्रदेश से गायब हैं। श्री सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा गरीबों एवं बेरोजगारों के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में उदासीनता तथा भ्रष्टाचार के कारण प्रदेशवासी गरीबी बेकारी से जूझ रहे हैं। फलस्वरूप यहां मानव तस्करी एक उद्योग के रूप में स्थापित होकर फल फूल रहा है। Read Moreविशेषकर प्रदेश के आदिवासी अंचलों तक शासन की कोई योजना पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है जिसके कारण वहां नौकरी का प्रलोभन देकर मानव तस्करी का धंधा पनप रहा है। उन्होंने कहा कि स्व. नन्द कुमार पटेल ने समय समय पर इस मामले को विधानसभा में उठाकर सरकार का ध्यानाकृष्ट किया गया तथा नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा एवं अन्य कांग्रेस विधायकों ने भी विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार को इस स्थिति से आगाह किया, किन्तु राज्य की भाजपा सरकार ने इस संवेदनशील मामले को कभी गंभीरता से नहीं लिया। छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने भी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। इसके बावजूद राज्य की भाजपा सरकार का उदासीन रवैया बरकरार है।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में मानव तस्करी के बढ़ते अपराध का कारण यहां व्याप्त बेरोजगारी, अशिक्षा व कानून व्यवस्था की बदतर स्थिति को बताया है। भाजपा सरकार की समस्त योजनाएं महज बड़े शहरों तक ही सीमित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि गांव गांव व दूरस्थ अंचलों में किसी भी योजना का लाभ हितग्राहियों को प्राप्त नहीं हो पा रहा है, जिसका दुष्परिणाम मानव तस्करी एवं पलायन के रूप में हमारे सामने है।
नेता प्रतिपक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा कि हर क्षेत्र में नम्बर वन होने का दावा करने वाली इस सरकार को मानव तस्करी में भी नम्बर वन होने का दावा कर देना चाहिए।