दुर्ग। शहर में आवारा मवेशियों के कारण न केवल चलना फिरना मुश्किल हो गया है बल्कि आए दिन होने वाली छिटपुट दुर्घटनाओं में लोक अपंग हो रहे हैं, उनकी जानें जा रही हैं। जिला प्रशासन एवं भिलाई दुर्ग के नगर निगमों ने कई बार योजनाएं बनाई किन्तु वह चार कदन चलकर ही ध्वस्त हो गईं। अब ेएक बार फिर जिलाधीश ने आवारा मवेशियों के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। Read More
कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता ने समय-सीमा की बैठक में सड़क में घूमने वाले आवारा पशुओं के व्यवस्थापन के निर्देश दिए है। उन्होंने नगर निगम दुर्ग-भिलाई के आयुक्त, परिवहन अधिकारी एवं डी.एस.पी. यातायात की संयुक्त टीम को दस दिनों के भीतर कार्ययोजना प्रस्तुत करने कहा है। चार सदस्यीय इस टीम के द्वारा उन स्थानों का चिन्हांकन भी किया जाएगा, जिस स्थान पर पशुओं का जमघट अधिकांश समय होता है। उन्होंने कांजी हाऊस में आए पशुओं की वापसी के लिए कड़े निर्देश दिए और कहा कि ऐसे पशुपालकों से कड़ाई के साथ जुर्माना लिया जाए और पशुओं को वापस ना किया जाए। जुर्माना जमा करने और शपथ पत्र प्रस्तुत करने के बाद ही पशुपालकों को पशुओं की वापसी की जाए। सड़क सुरक्षा को अति आवश्यक बताते हुए उन्होंने सड़क में आगे तक लगे होर्डिंग्स को भी हटाने के निर्देश दिए हैं।
खतरनाक शहर
गौरतलब है कि एनसीआरबी द्वारा जारी किए गए 52 शहरों के आंकड़ों में दुर्ग-भिलाई को छठवां स्थान दिया गया है। इस सूची में राजधानी रायपुर चौथे स्थान पर है। पर जहां तक सड़क हादसों से होने वाली मौतों का सवाल है तो इसमें भिलआई-दुर्ग रायपुर से भी दो कदम आगे है।