राजनांदगाव/भिलाई। जादूगर आनंद को एक तरफ जहां पूरी दुनिया ने हाथों-हाथ लिया और अपने सिर माथे पर बिठाया वहीं 15 वर्षों के दीर्घ काल के बाद अपने ननिहाल में आकर उन्हें रुसवा होना पड़ा। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव में 25 दिन चला उनका कार्यक्रम उनके पूरे करियर का सबसे दुखद एपीसोड रहा। संस्कारधानी के रूप में मशहूर इस शहर के निगम सभापति ने उन्हें कुछ ऐसा नोचा कि खुरचने के निशान उनकी यादों में ताजिन्दगी बने रहेंगे। Read More
जादूगर आनंद ने अपने लगभग 50 साल के करियर में दुनिया के 36 देशों में 30 हजार से अधिक कार्यक्रम किए हैं। उन्हें दुनिया के चोटी के कलाकारों में शुमार किया जाता है। काफी लंबा अरसा विदेशों में और दक्षिण भारत में बिताने के बाद वे हाल ही में छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। उनकी मां छत्तीसगढ़ से हैं। इस लिहाज से यह उनका ननिहाल भी है। उनका पहला शो भिलाई में हुआ जिसमें लगभग सभी क्षेत्रों की स्थानीय विभूतियों ने उनका इस्तकबाल किया। बड़ी संख्या में लोगों ने जादू के इस प्राचीन खेल का आनंद लिया। कुछ तो इतना अभिभूत हुए कि उन्होंने अपने खर्चे पर समाज के वंचित तबके के बच्चों को भी जादू दिखाया।
इसके बाद उनका शो पहुंचा राजनांदगांव। यह जिला मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह एवं उनके सांसद पुत्र का निर्वाचन क्षेत्र भी है। यह शहर संस्कारधानी के रूप में भी मशहूर है। यहां का भव्य गोविन्दराम निर्मलकर ऑडिटोरियम इस विश्वविजयी कलाकार को पाकर धन्य हो गया। बड़ी संख्या में लोगों ने यहां जादू देखा जिसमें ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के साथ ही पुलिस और अद्र्धसैनिक बलों के लोग भी शामिल हुए। नगर ने उन्हें भरपूर प्यार दिया। पर एक बात खल गई। नगर निगम के सभापति, जो इस ऑडिटोरियम के पदेन संरक्षक भी हैं ने इतने फ्री पास मंगवाए कि वह लोगों को ही चुभने लगा। खबरों के मुताबिक उन्होंने अपने लोगों को कुल 230 पास उपलब्ध कराए। इससे जादूगर को लगभग 70 हजार रुपए का नुकसान हुआ। यहां तक भी ठीक था किन्तु जादूगर को मेहमान मानते हुए मौखिक रूप से जो आश्वासन सभापति ने दिए थे, समय पर वे उससे साफ मुकर गए। जादूगर ने अंतत: पूरा भुगतान कर ऑडिटोरियम खाली किया।
कहां तो विश्व प्रसिद्ध जादूगर को राज्य मेहमान बनाने की पहल करता और कहां वे पारम्परिक नोच खसोट के शिकार हो गए। पर जीवन की हर घटना को सहजता से लेते हुए जादूगर अपनी टीम के साथ न्यायधानी बिलासपुर पहुंच गए हैं जहां उन्हें भरपूर प्यार और सम्मान मिल रहा है।