भिलाई। ट्रैफिक पुलिस से ऊलजलूल बहस करने वालों की अब खैर नहीं। ट्रैफिक पुलिस को ऐसा बॉडी कैमरा दिया गया है जो स्वयं एक्टिवेट हो जाएगी और पूरी बातचीत उसमें रिकार्ड हो जाएगी। ट्रैफिक का जवान चाहकर भी उसे मिटा नहीं पाएगा और वह सीधे बतौर सबूत न्यायालय में पेश होगा। यातायात पुलिस दुर्ग भिलाई को चालानी कार्यवाही के दौरान अनेकों प्रकार के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस हेतु पुलिस महानिरीक्षक महोदय एवं पुलिस अधीक्षक महोदय दुर्ग द्वारा यातायात पुलिस को 10 नग बाडी वार्न कैमरा उपलब्ध कराया गया है। छत्तीसगढ मे यह पहला जिला है जो इस प्रकार का कैमरा प्रदाय किया गया है। इस कैमरे की उपयोग से चालानी कार्यवाही के दौरान पुलिस की कार्यवाही में पारदर्शिता आयेगी। इस कैमरे में जो भी रिकार्डिंग होगा उसे डिलिट एवं काट-छाट नही किया जा सकता। बाडी वार्न कैमरा में जो रिकार्डिंग होगा वह न्यायालय में साक्ष्य के रुप में मान्य किया जावेगा। इस प्रकार की कैमरा यातायात पुलिस को उपलब्ध होने से काफी हद तक सुधार आवेगी। यदि कोई व्यक्ति चालान के दौरान हो हल्ला या अप्रिय स्थिति निर्मित करता है तो भी कैमरे मे अपने आप रिकॉर्ड हो जायेगा।
उल्लेखनीय है कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाने पर अधिकांश लोग बहाने बनाने लगते हैं या बहस करने लगते हैं। कुछ लोग ट्रैफिक पुलिस को वर्दी उतरवा देने की धमकी भी देते हैं। ऐसी स्थिति में काम करना ट्रैफिक के जवानों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। इसलिए ट्रैफिक पुलिस को ऐसे यंत्र मिले हैं बहस करने वालों को कोर्ट में घसीट सके।