भिलाई। सुहानी शाह ने दूसरी में औपचारिक शिक्षा का त्याग कर दिया और अपने पसंदीदा क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया। सात साल की उम्र में अपना पहला शो करने वाली सुहानी की उम्र अभी 27 साल है और उनके पीछे 20 साल का लंबा सफल करियर है। सुहानी जादू के शो करती हैं। पणजी में माइंड केयर क्लिनिक चलाती हैं। उनकी 5 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वे एक सफल कारपोरेट ट्रेनर हैं। सुहानी बताती हैं कि यह जीवन हमें सफल होने के लिए मिला है। असफलता अपवाद है। जीवन बहुत सरल है। हम स्वयं इसे पेचीदा बनाते हैं और फिर इससे पैदा होने वाली उलझनों को सुलझाने में उलझ जाते हैं। हम सरल रहें। अपने काम पर फोकस करें और उसे बेहतर ढंग से करने के लिए निरंतर प्रयास करें। आप जो भी काम करते हैं, उसमें बेस्ट बनें। सफलता अपने आप आपके कदम चूमेगी।सुहानी शाह यहां डॉ संतोष राय इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित कॉमर्स टैलंट सर्च (सीटीएस) के अभिनंदन समारोह में शामिल होने आईं थीं। सुहानी का मानना है कि आप जिस काम को करना चाहते हैं, यदि उसे अपना 100 फीसदी दे सकते हैं, तभी उसे प्रारंभ करें। सफलता के लिए यह सबसे ज्यादा जरूरी है। सफलता के लिए स्पष्ट लक्ष्य, एकाग्रता, दृढ़ संकल्प, सकारात्मक सोच और साहस की जरूरत होती है। आपने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया तो फिर अपने लिए जरूरी चीजों को आप कहीं से भी सीख सकते हैं।
सुहानी बताती हैं कि बचपन में उन्हें जादू बहुत अच्छा लगता था। मंच पर खड़ा जादूगर तरह तरह के करतब दिखाता और लोग हैरान हो जाते। उसने जादूगर बनने की ठान ली। माता-पिता ने साथ दिया। उसने जादू के ट्रिक्स स्वयं ही सीखना शुरू कर दिया और 7 साल की उम्र में अपना पहला शो किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला भी उपस्थित थे। फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
शोज के लिए उन्हें यात्राएं करनी पड़ती थीं। इसलिए औपचारिक शिक्षा दूसरी के बाद नहीं हो पाई। जरूरत पड़ी तो उन्होंने हिन्दी और अंग्रेजी सीख ली और आज दोनों ही भाषाओं में धाराप्रवाह बोल सकती हैं। परफार्मर के लिए यह बेहद जरूरी है। आज वे लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती हैं, उलझनों को सुलझाने में उनकी मदद करती हैं, लोगों में रचनात्मकता भरने की कोशिश करती हैं।
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