दुर्ग। बरसों से अपनी परेशानियां अपने मन में दबाए पुलिस वालों के परिजनों ने अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। राज्य में जगह जगह पुलिस वालों के परिजन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। रक्षकों के परिजनों की 14 सूत्रीय मांगों में पौष्टिक आहार, मेडिकल सुविधा, मोबाइल, वर्दी धुलाई, साइकल, किट-पेटी, राशन मानी, आवास एवं यात्रा भत्ता में बढ़ोतरी तथा प्रमोशन, साप्ताहिक अवकाश, 8 घंटे की ड्यूटी, सुरक्षा एवं अनुकंपा नियुक्ति की मांगें शामिल हैं। पटेल चौक दुर्ग में धरने पर बैठे पुलिसकर्मियों के परिजनों का समर्थन करने विधायक अरुण वोरा भी पहुंचे। श्री वोरा ने कहा कि वो शहर से विपक्ष के विधायक जरूर हैं पर यहाँ वो राजनीति को अलग रखते हुए मानवीय मूल्यों के आधार पर हमारे रक्षकों के परिवारों की जायज मांगों को अपना समर्थन देने आए हैं। पुलिस वाले पूरी व्यवस्था में सर्वाधिक सख्त दिनचर्या से अपना काम करते हैं, अपने परिजनों तक के लिए समय नहीं निकाल पाते, हर समय खुद को खतरे में डाल कर पूरे समाज के सभी वर्गों और कानून व्यवस्था की सुरक्षा करते हैं। बरसों से इन्हें मिलने वाले भत्तों में कोई समीक्षा या वृद्धि नहीं की गई, महंगाई हर रोज बढ़ती जा रही है पर भत्ते वही के वहीं हैं ऐसे में रक्षकों के परिजनों का आक्रोश स्वाभाविक है और सभी मांगे जायज हैं जिसे हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। विपक्ष के विधायक के रूप में आने वाली विधानसभा के मानसून सत्र में वो इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित करेंगे और पुरजोर तरीके से पुलिस परिवारों की मांगों को विधानसभा में उठाएंगे। मौके पर उठ रही हर गोविन्द शर्मा को छोड़े जाने की मांग पर भी श्री वोरा ने दुर्ग रेंज के आई जी से टेलीफोन पर बात की एवं श्री शर्मा की रिहाई के लिए चर्चा की।