भिलाई। एमजे कॉलेज आॅफ नर्सिंग में विश्व हृदय दिवस पर नर्सिंग स्टूडेंट्स को सीपीआर देने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। इससे पूर्व समारोह का शुभारंभ करते हुए एमजे ग्रुप आॅफ कालेजेस की डायरेक्टर श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि हमें अपने दिल के साथ साथ अपने आसपास के लोगों के दिलों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। श्रीमती विरुलकर ने कहा कि अपने हृदय के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी रखकर हम हृदयाघात जैसी किसी इमरजेंसी से बच सकते हैं। हमारा दिल अनेक प्रकार से अपने अस्वस्थ होने की पूर्व सूचना देता है। हमें इन सूचनाओं की अनदेखी करने के बजाय हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए।
बीएसआर सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल की नर्सिंग सुपरिन्टेंडेन्ट एवं कार्डियक नर्स श्रीमती सलोमी एमरोज ने डमी की सहायता से सीपीआर देने की तकनीक का प्रदर्शन किया एवं स्टूडेन्ट्स को हैंड्स आॅन जॉब प्रशिक्षण भी दिया। उन्होंने बताया कि यदि किसी को सड़क पर दिल का दौरा पड़ गया हो तो उसे किसी सतमल जगह पर लिटाकर पहले थपकी देकर उसे होश में लाने की कोशिश करनी चाहिए। यदि वह रिस्पांस नहीं देता तो एम्बुलेंस या अन्य सहायता के लिए फोन करना चाहिए। यदि उसके दिल ने धड़कना बंद कर दिया हो तो कार्डियो पल्मोनर रेससिटेशन करना चाहिए। इसके लिए मरीज के पास घुटनों के बल बैठ जाना चाहिए। दाहिने हाथ की हथेली के गदेली वाले भाग को निपल लाइन के चार इंच नीचे दोनों वर्षों के बीच टिकाकर उसपर बाएं हाथ की हथेली को रखना चाहिए। कुहनियों को सीधा रखते हुए यहां इतनी जोर से दबाना चाहिए कि हृदय कम से कम दो तिहाई दब जाए। दबाने छोड़ने का यह क्रम 30 बार करने के बाद छोड़ना चाहिए और मरीज की गर्दन को सीधा कर सिर को पीछे की तरफ झुकाकर उसके मुंह में सांस फूंकना चाहिए। बच्चों ने स्वयं भी इसे करके देखा।
हेल्थ ब्लॉगर दीपक रंजन ने इस अवसर पर कहा कि 1990 से 2016 के बीच अमेरिकी ने जहां हृदयाघातों से होने वाली मौतों को 41 फीसदी कम कर लिया वहीं भारत में यह 34 फीसदी बढ़ गया।
कार्यक्रम में एमजे कालेज आॅफ नर्सिंग की प्राचार्य श्रीमती सी कन्नम्मल, उप प्राचाार्य श्रीमती सीजी थॉमस, आर प्रवीण, पूर्णिमा दास, जे डैनियल, खेमनलाल, प्रियंका एस, मधु कुमारी सहित नर्सिंग स्टूडेन्ट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे।