भिलाई-3। डॉ. खूबचंद बघेल शा.स्ना.महाविद्यालय भिलाई 3 की राष्ट्रीय सेवा योजना बालिका इकाई की नियमित गतिविधि के अंतर्गत कार्यक्रम अधिकारी डॉ.अल्पना देशपाण्डे ने पक्षी दिवस पर पर्यावरण की दृष्टि से वृक्षों के महत्व के बारे में स्वयंसेवकों को अवगत कराया। वृक्षारोपण कर बरगद वृक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर बरगद एवं पीपल के औषधीय गुणों की भी चर्चा की गई।भारतीय समाज में बरगद के पेड़ को अमरता का वृक्ष कहा जाता है क्योंकि इसके जीवन को बढ़ाने वाली जड़े बहुत लंबी होती है और वे इनकी शाखाओं को भी सहारा देती है। इस प्रकार इनकी जड़े इस वृक्ष का अभिन्न हिस्सा होती है। बरगद के पड़ों का आध्यात्मिक महत्व भी है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव शाखाओं पर भगवान विष्णु इस पेड़ की छाल में और ब्रम्हा जी इनके जड़ों पर निवास करते है। बौद्ध धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध को भी इस पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ।
इसी क्रम में पीपल वृक्ष कुछ लक्ष्णों के बारे में भी बताया। त्वचा पर होने वाली समस्याओं जैसे दाद, खाज, खुजली में पीपल के कोमल पत्तों को खाने या इसके काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा फोड़े-फून्सी जैसे समस्या होने पर पीपल की छाल को घिसकर लगाने से फायदा होता है।
आज के वृक्षारोपण कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ. भारती सेठी, डॉ.मंजुला गुप्ता, श्रीमती मंजू दाण्डेकर, डॉ.रमश त्रिपाठी, डॉ.शैलेन्द्र ठाकुर, स्वयंसेवक मोनिका वर्मा, अंजली मानिकपुरी, त्रिवेणी आदि ने महाविद्यालय प्रांगण में गढ्ढे खोद कर करंज, पीपल, बरगद, आम, नीम आदि पौधे को रोपित किया एवं जल देकर सुरक्षा करने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अल्पना देशपाण्डे ने प्रत्येक स्वयंसेवक को एक पौधा गोद लेकर उनकी रक्षा हेतु संकल्पित किया एवं पक्षियों के घरौंदे हेतु वृक्षा का होना भी आवश्यक बताया।