अंग्रेज भी थे गांधीजी के कायल, जारी किया था डाक टिकट, बनवाई थी प्रतिमा
भिलाई। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ परदेसी राम वर्मा ने कहा कि गांधीजी की जीवनशैली का सबसे अधिक असर छत्तीसगढ़ के लोगों पर हुआ। यहां के लोग अशिक्षित और सीधे-सादे थे। उन्होंने गांधी को सबसे ज्यादा समझा और ऊंच-नीच, जात-पात की भावना से ऊपर उठकर समरसता का जीवन जीने की संस्कृति को सहज ही अपना लिया। डॉ वर्मा राष्ट्रीय कला एवं सांस्कृतिक धरोहर निधि (इनटैक) द्वारा श्रीशंकराचार्य विद्यालय में आयोजित चित्रकला एवं निबंध प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रवण कुमार और राजा हरिश्चंद्र की कहानियों का गांधीजी के जीवन पर गहरा असर पड़ा था। उन्होंने किसी भी कीमत पर सत्य और निष्ठा का साथ नहीं छोड़ने का फैसला किया था। उनके पूरे जीवन वृत्तांत में इसका प्रमाण मिल जाता है।
आरंभ में एनटैक के दुर्ग भिलाई चैप्टर के संयोजक डॉ डीएन शर्मा ने कहा कि गांधीजी से अंग्रेज भी प्रभावित थे। जिस गांधी ने उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर किया, उसी गांधी पर उन्होंने डाक टिकट जारी किया, उसकी प्रतिमाएं स्थापित करवाई। गांधीजी एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका पूरा विश्व सम्मान करता है।
इस अवसर पर गत वर्ष इनटैक द्वारा आयोजित राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता के दस अखिल भारतीय विजेताओं में स्थान बनाने वाली डीपीएस भिलाई की छात्रा लतिका चंद्राकर को सम्मानित किया गया। लतिका ने अहमदाबाद में आयोजित हेरिटेज वॉक का एक्सपीरियंस शेयर किया।
डॉ हरिनारायण दुबे ने आभार व्यक्त करते हुए गांधीजी के विचारों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्राचार्य अमिताभ दास, समाजसेवी मोहनलाल गुप्ता, प्रसिद्ध चित्रकार सुनीता वर्मा, विद्या गुप्ता, बी पोलम्मा, प्रह्लाद, ममता जोगी, विश्वास तिवारी आदि उपस्थित थे।