भिलाई। डीएवी इस्पात पब्लिक स्कूल में गुड पेरेंटिंग पर कार्यशाला हुई। अभिभावकों ने अपनी समस्याएं रखी व उनका समाधान प्राप्त किया। पेरेंट्स को बच्चों के पालन पोषण के टिप्स दिए गए। बच्चों के साथ समय बिताना, पढ़ाई का महत्व, आउटडोर गेम्स, सहित अन्य विषयों पर भी व्यापक चर्चा हुई। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से स्कूल संचालक श्रीमती प्रियंका शुक्ला, शिक्षक प्रभारी श्रीमती योगिता शर्मा सहित सभी टीचर्स उपस्थित थे। इस दौरान टीचरों के लिए कार्यशाला भी हुई।स्कूल की वैलनेस टीचर प्रिया कुमारी ने कहा कि आजकल देखा जा रहा है कि बच्चों का व्यवहार अचानक ही बदलने लगा हैं और बच्चे ये समझ खोने लगे हैं कि किस समय क्या किया जाना चाहिए। यह पेरेंट्स के लिए परेशानी का कारण बनने लगा है। हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि उनका बच्चा तेज दिमाग और समझदारी से भरा हो। अपने बच्चे को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें। आउटडोर गेम्स खेलने से बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनता है।
बच्चे को ज्यादा टीवी देखने ना दें। क्योंकि बच्चे टीवी प्रोग्राम में इतना खो जाते हैं कि वो घंटों तक टीवी के आगे ही बैठे रहते हैं। इससे उनका मानिसक विकास नहीं हो पाता है। 2 साल की उम्र से पहले बच्चे को टीवी से दूर ही रखें। स्कूल की किताबों के अलावा बच्चों को स्टोरी बुक्स पढ़ने की आदत डालें। स्टोरी बुक्स पढ़ने से बच्चों का दिमाग क्रिएटिव बनता है। साथ ही बच्चे समझदार भी बनते हैं। बच्चों को साथ बिठाकर होमवर्क करवाएं। बच्चों से एक दोस्त की तरह बात करें, उनकी परेशानियों को जानने की कोशिश करें, उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि बच्चे वह नहीं समझते जो आप उन्हें सिखाते हैं बच्चे वो समझते हैं और सीखते हैं जो आप है अगर आप प्यार देंगे तो प्यार सीखेंगे अगर आप गुस्सा करेंगे तो वह गुस्सा करना सीखते हैं। इसलिए बच्चे के सामने आप भी ज्यादा से ज्यादा एक्टिव रहें, बुक्स पढ़ें, एक्सरसाइज करें, क्रिएटिव चीजें करें, ताकि बच्चे पर पॉजिटीव असर पड़े। उन्होंने कहा कि बच्चे आजकल शॉर्टकट रास्ता अपनाते हैं इसे समझना ही नहीं चाहते। ऐसे में उन्हें यह समझाना चाहिए कि जिंदगी बनाने के लिए संघर्ष करना चाहिए। इस तरह की बातों के लिए कहीं न कहीं इसमें हम जिम्मेदार हैं क्योंकि हम जो बोलते हैं वह सभी करके नहीं दिखाते हैं।
इस मौके पर बच्चों को खतरों से दूर रखने की भी टिप्स भी दिए गए जैसे छड़ी, चाकू और गलत बातें न सिखाने तथा इन सब खतरों से बच्चों को दूर रखने की बात कही गई।
प्रिया कुमारी ने कहा कि घर के छोटे-मोटे कामों में बच्चे से मदद लें। थोड़े बहुत उनके काम उन्हें खुद से करने दें। इससे उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा और चीजों को लेकर उनमें सही समझ आएगी। इस दौरान टीचरों के लिए भी कायर्शाला हुई। जिसमें अपने आप को मोटिवेटेड कैसे रखें, साथ ही स्ट्रेस से दूर रहने के भी मनोवैज्ञानिक तरीके बताये गये।