दुर्ग। पद्मनाभपुर दुर्ग निवासी नायरा रंगारी ने कहानी सुनने की उम्र में कहानी सुनाना शुरू कर दिया। उसकी तोतली बोली में कहानियां सुनने का आनंद ही कुछ और था। धीरे धीरे जुबान साफ होती गई और यह सिलसिला चलता रहा। माता-पिता ने प्रोत्साहन दिया और वह एक-के-बाद एक खिताब अपने नाम करती चली गई और आज महज छह साल की उम्र में उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया है। उसे सबसे कम उम्र की स्टोरी टेलर के रूप में दर्ज किया गया है।नायरा के पिता धीरज रंगारी हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर में पुस्तकालय सहायक हैं। उनकी माता प्रतिभा भेले केन्द्रीय विद्यालय दुर्ग में व्याख्याता हैं। अन्य बच्चों की तरह उसे भी कहानियां सुनना पसंद था। बाद में उसने इन कहानियों को दोहराना प्रारंभ कर दिया। भाव-भंगिमा के साथ दोहराई गई इन कहानियों को सुनकर लोग खुश होते। स्कूल पहुंची तो यहां भी उसे मंच मिल गया। इसके बाद कहानी सुनाने की छोटी बड़ी प्रतियोगिताओं में उसने हिस्सा लेना प्रारंभ कर दिया।
पहली कक्षा की छात्रा नायरा के नाम यह चौथा अवार्ड है। नायरा को इससे पहले बाल प्रतिभा सम्मान, ऑल राउण्डर चाइल्ड अवार्ड तथा दुर्ग नगर निगम द्वारा कथा वाचक सम्मान प्रदान किया जा चुका है। नायरा ने हरे कृष्ण मूवमेन्ट राजकीय कहानी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया था।