बेमेतरा. स्व सहायता समूह की महिलाएं अब मछली पालन से भी लाभ कमाने लगी हैं. पिछले दिनों जब ठेलका ग्राम पंचायत की महिला स्व-सहायता समूह ने पहली बार मछली का खेप निकाला तो उन्हें सीधे 20 हजार रुपए मिल गए. इस समूह में 12 महिलाएं हैं जो गोठान के समीप के तालाब में मछली पालन कर रही हैं. जाल मारने के बाद मछलियों को देखकर महिलाओं के चेहरे खिल उठे. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी राशि पहली बार उनके हाथ आई है. अब वे दोगुने उत्साह के साथ काम करेंगी.
ग्राम पंचायत ठेलका में जय मां कर्मा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मत्स्य पालन हेतु प्रेरित किया गया था. जिला एवं जनपद द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देकर मछली पालन के लिए प्रेरित किया गया. स्व-सहायता समूह की 12 महिलाएं इस कार्य में संलग्न होकर गोठान के समीपस्थ तालाब में मछली पालन कर रही है. मछली बीज डालने के चार माह बाद जब मछली की पहली खेप निकाली गयी तो सभी खुश थीं. उन्हें प्रथम बार में ही लगभग 20 हजार का लाभ हुआ है. यशोदा साहू अध्यक्ष एवं शांति साहू सचिव के साथ-साथ समूह की अन्य महिलाएं अब इस कार्य के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं. उन्होंने जिला प्रशासन बेमेतरा एवं छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार एवं भारत सरकार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अधिक से अधिक ग्रामीण महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है. जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधर सके छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अपने फ्लैगशिप योजना नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी के अंतर्गत समूह को लक्षित करते हुए विभिन्न परियोजनाएं संचालित की जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की महिलाएं भाग लेकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है. बेमेतरा जिले में कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा के कुशल मार्गदर्शन में लगभग प्रत्येक गोठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जोड़कर आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है.