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गुस्ताखी माफ: हर हाथ में मोबाइल, हर वाहन में पैनिक बटन

Sep 29, 2023
Chhattisgarh cabs to have panic buttons

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब प्रत्येक यात्री वाहन में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को इस योजना की शुरुआत की. योजना के तहत कैब, बस, ऑटो में एक बटन लगा होगा. खतरा महसूस होने पर महिला यात्री इस बटन को दबा सकेंगी. बटन दबाते ही विशेष तौर पर गठित निर्भया कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को एलर्ट मिल जाएगा. साथ ही जीपीएस पर वाहन का लोकेशन भी मिल जाएगा और पुलिस की नजदीकी टीम तत्काल वाहन तक पहुंच जाएगी. सिस्टम ने काम किया तो बच्चियों और महिला यात्रियों को एक बड़ा सहारा मिल जाएगा. पर अगर यह योजना भी भगवान भरोसे छोड़ दी गई तो पीड़ित बटन दबाती रह जाएगी और कहीं कोई घंटी नहीं बजेगी. यह भी सुनिश्चित करना होगा कि घंटी के इस बटन तक यात्रियों की पहुंच आसान हो. वरना सीसीटीवी कैमरे को बेकार करने वाले अपराधी, जीपीएस और पैनिक बटन को बेकार नहीं कर देंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. वैसे, इस योजना की घोषणा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देने की कोशिश भी की है. ऐसी ही एक सुविधा प्रत्येक मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध है. लगभग दो साल पहले लांच की गई “अभिव्यक्ति” ऐप का बटन दबाकर भी पुलिस की ऐसी ही मदद हासिल की जा सकती है. इसमें आपका मोबाइल ही आपका लोकेशन बता देता है. इस योजना की सफलता भी पुलिस के रिस्पांस टाइमिंग पर निर्भर है. पर इससे भी पहले जरूरी है कि लोग अपनी सुरक्षा के प्रति खुद संवेदनशील हों. बॉयफ्रेंड के साथ एकांत स्थानों में जाना, होटल के कमरों में या ऐसी जगहों पर पहुंचना जहां कोई न हो, खतरे को बढ़ा देता है. ऐसी अनेक वारदातें सामने आ चुकी हैं जिसमें सूनसान स्थान पर युवतियों के साथ जोर-जबरदस्ती की गई. पुलिस ऐसे खतरों के प्रति स्कूल-कालेजों में लगातार जागरूकता अभियान भी चला रही है. घटनाओं का ब्यौरा देकर लड़कियों को संभावित खतरों के प्रति आगाह कर रही है. उनके सवालों का जवाब दे रही है. अभिव्यक्ति ऐप डाउनलोड करवा रही है. बावजूद इसके, घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. पुलिस पहले भी कहती रही है कि जब कभी अकेले सफर करना हो तो जिस भी कैब का उपयोग करें, सबसे पहले उसके सामने या पीछे की फोटो खींचकर घर वालों को भेज दें. कुछ लोग ऐसा करते भी हैं. कुछ लोग पूरी यात्रा के दौरान अपने किसी करीबी के साथ लगातार फोन पर बातें करते रहते हैं. इससे आसपास की आवाजें भी उन तक पहुंचती रहती हैं. पर लड़कियां जाने-अनजाने इन सुरक्षा निर्देशों को भुला देती हैं. बॉयफ्रेंड के कहने पर मोबाइल स्विच ऑफ कर देती हैं, नशीले पदार्थों का सेवन कर लेती हैं, सुनसान जगहों पर चली जाती हैं और सभी उपाय धरे के धरे रह जाते हैं.

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