पुलिस को हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में घसीटने की चेतावनी
दुर्ग। बानबरद में शराबबंदी पर बवाल हो गया है। ग्रामीणों के विरोध के बाद रायपुर से सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा भी यहां पहुंच गईं और मामला पुलिस थने से होता हुआ अदालत पहुंच गया। ममता ने पुलिस को हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में घसीटने की चेतावनी दे डाली। निर्माणाधीन शराब दुकान को ढहाने के मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा सहित १७ महिलाओं को न्यायाधीश मोहन सिंह कोर्राम की अदालत ने ७-७ हजार रुपए के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।ममता शर्मा सहित १७ महिलाओं की ओर से बचाव पक्ष के वकील संतोष वर्मा, रविशंकर सिंह, अनिल जायसवाल और अजय शर्मा ने पैरवी की। वहीं शासकीय अभिभाषक के रूप में शीतल दुबे ने पक्ष रखा। अधिवक्ता संतोष वर्मा ने कोर्ट को बताया कि नंदिनी पुलिस ने धारा १४७ बलवा, २९४ गाली गलौच, ४२७,तोडफ़ोड़ व धारा ३ लोक संपति क्षति अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया है।
ममता का आरोप : सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने एक वीडियो फुटेज में कहा कि पुलिस पहले महिलाओं का अपराध बताए। पुलिस ने लोक संपत्ति क्षति का मामला बनाया है। यह बताया जाए कि शराब दुकान कौन बनवा रहा था। यदि शासन बनवा रहा था तो कौन से मद से पैसा दिया गया था। यदि शासन यह साबित नहीं कर पाता है तो लोक संपत्ति क्षति का मामला नहीं बनता है। ममता ने पुलिस को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक घसीटने की चेतावनी भी दी।