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इंस्पायर साइंस कैम्प : विद्यार्थियों ने साइंस कालेज की प्रयोगशाला में किए नवीन प्रयोग

Aug 30, 2018

Govt VYT PG Collegeदुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रायोजित 5 दिवसीय इंस्पायर साइंस कैम्प के दूसरे दिन आज राष्ट्रीय स्तर के विषय-विशेषज्ञों के व्याख्यान के साथ-साथ विद्यार्थियों को साइंस कालेज, दुर्ग की आधुनिक प्रयोगशालाओं में उनके विषय से संबंधित नवीनतम प्रायोगिक कार्य कराये गये। महाविद्यालय के प्राचार्य एवं इंस्पायर प्रोग्राम के समन्वयक डॉ. एस.के. राजपूत ने बताया कि प्रायोगिक कार्यों के दौरान विद्याथिर्यों ने साइंस कालेज, दुर्ग में उपलब्ध आधुनिक उपकरणों तथा रासायनिक विलियनों एवं भूगभर्शास्त्र विभाग में उपलब्ध चट्टानों, खनिजों एवं जीवाष्मों की जानकारी कौतूहल वश प्राप्त की। इंस्पायर प्रोग्राम के दौरान आयोजित प्रायोगिक कक्षाओं को प्रतिभागी विद्याथिर्यों ने अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि उन्हें दूरस्थ अंचलों में स्थित अपने विद्यालयों में कभी भी इतने आधुनिक उपकरण तथा अन्य प्रायोगिक सामग्री का उपयोग करने का अवसर नही मिला। साइंस कालेज, दुर्ग के अनुभवी प्राध्यापकों द्वारा दिए गए प्रायोगिक मार्गदर्शन से प्रतिभागी प्रभावित दिखें।
इंस्पायर साइंस कैम्प के सहायक समन्वयक डॉ. अनिल कुमार, डॉ. अजय सिंह एवं डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से जानकारी कि आज आयोजित प्रथम तकनीकी सत्र में राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के भौतिकी की प्राध्यापक डॉ. कानन बाला शर्मा ने विद्याथिर्यों को नैनो साइंस तथा नैनो टेक्नालॉजी के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वतर्मान समय में नैनो टेक्नालॉजी के सहायता से चिकित्सा के क्षेत्र में अप्रत्याशित आविष्कार हुए है। नैनो टेक्नोलॉजी काफी सरल एव ंअपेक्षाकृत सस्ती भी है। नैनो पदार्थों के इलेक्ट्रानिक्स, प्रकाशकीय, कृषि आदि क्षेत्रों में उपयोग के अनेक उदाहरण डॉ. शर्मा ने विद्याथिर्यों को दिये। उन्होंने बताया कि हमारे सिर के बाल की साईज से भी सूक्ष्म नैनो पदार्थ विकसित किए जा सकते है। डॉ. शर्मा के व्याख्यान के दौरान विद्याथिर्यों ने अनेक प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा का समाधान किया। द्वितीय व्याख्यान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डॉ. अली मोहम्मद ने रासायनिक विश्लेषण में क्रोमेटोग्राफी के अनुप्रयोग विषय पर रोचक जानकारी विद्याथिर्यों को दी। क्रोमेटोग्राफी की महत्ता बताते हुए डॉ. अली मोहम्मद ने बताया कि इसके बायोमेडिकल, औषधी, फारेसिंक तथा पर्यावरणीय विश्लेषण में अनेक अनुप्रयोग है। डॉ. अली मोहम्मद के व्याख्यान से विद्यार्थी संतुष्ट नजर आये। कल इंस्पायर प्रोग्राम के तीसरे दिन मुबंई के डॉ. विजय मेंदुलकर एवं प्रोफेसर अली मोहम्मद का व्याख्यान होगा। इसके अलावा विद्याथिर्यों की बौध्दिक क्षमता के परीक्षण हेतु बहुविकल्पीय प्रश्न युक्त टेस्ट आयोजन किया जायेगा। विद्यार्थियों को साइंस के नवीनतम प्रयोगों की जानकारी देने हेतु दोपहर सत्र में रायपुर स्थित साइंस सेंटर ले जाया जायेगा।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एस.के. राजपूत ने भी विद्यार्थियों को प्रायोगिक परीक्षाओं से संबंधित अनेक रासायनिक समीकरण एवं आवर्त सारणी पर आधारित अनेक सारगर्भित जानकारी दी। डॉ. राजपूत ने सर्वश्रेष्ठ प्रश्न पूछने वाले विनीता साहू, राहुल साहू, गौरव चक्रधारी, निशा, शुभम, विक्रांत देशमुख, पीयूष कुमार सिंह तथा विनीता साहू को पुरस्कार देने की घोषणा की। तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ. अलका तिवारी एवं डॉ. एस.डी देशमुख ने किया।
इंस्पायर साइंस कैम्प के दौरान प्रसिध्द नेत्र चिकित्सक डॉ. बसंत वर्मा द्वारा प्रतिभागी विद्यार्थियों का नेत्र परीक्षण किया गया। अनेक विद्यार्थियों को नेत्र संबंधी रोगों से बचाव हेतु उपयोगी जानकारी भी प्रदान की गयी। सायं कालीन सत्र में साइंस कालेज, दुर्ग के विद्यार्थियों ने तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से आये शालेय प्रतिभागी विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। छत्तीसगढ़ी समूह नृत्य एवं समूह गान पर देर तक प्रतिभागी विद्यार्थी झूमते रहे। विद्यार्थियों की सांस्कृतिक प्रतिभा की उपस्थित सभी दर्शकों ने सराहना की।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन साक्षी पोद्दार ने किया। प्रतिभागी विद्यार्थियों में डीएवी स्कूल राजहरा के प्रत्याशा चन्द्रा तथा कु. खुशी जैन ने गीत प्रस्तुत किया तथा साइंस कालेज, दुर्ग के विद्यार्थियों कविता, लिपिका, रश्मि, संजना, यास्मिन, तरूणा, अलीसा, रंजना ने समूह नृत्य तथा राजन सिंह एवं संजल सिंह राजपूत ने नमन ठक्कर के साथ एकल गीत प्रस्तुत किया।

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