भिलाई। वाकिंग योगा और म्यूजिकल एक्सरसाइज से डायबिटीज को पूरी तरह से नियंत्रण में लाया जा सकता है। हमने अपने 90 फीसदी कार्य को मशीनों के हवाले कर दिया है जिसके कारण शरीर बीमार पड़ने लगा है। इसे उलट दें तो बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी। स्वस्थ जीवन शैली और खानपान डाक्टर नहीं दे सकता, इसे अपने जीवन में स्वयं को ही शामिल करना होगा। हमने राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता लाकर प्लेग, हैजा, मलेरिया, पोलियो जैसी महामारियों को मात दी है तो हम डायबिटीज को भी हरा सकते हैं। उक्त उद्गार ग्लोब हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर, माउण्ट आबू के मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ श्रीमंत साहू ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा सेक्टर-7 स्थित पीस आॅडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय अलविदा डायबिटिज शिविर में व्यक्त किए।
डॉ श्रीमंत साहू ने सुमधुर भजनों पर वॉकिंग योगा और म्युजिकल एक्ससाईज कराते हुए कहा कि कोई भी एक्ससाईज स्लो से फास्ट तथा फास्ट से स्लो करके समाप्त करना चाहिए। आगे ताली पीछे ताली, क्रॉस लेग्स, अप एंड डाउन एंड थ्रो कराते हुए कहा कि हमारा जीवन स्वीट मधुर हो जाये तो डायबिटिज खुद ब खुद समाप्त हो जायेगी। हमारे स्वाद ग्रंथी को मीठा खाने की आदत है। लेकिन दुनिया में सबसे स्वीट चीज प्रेम से बोले गये दो शब्द है। सुर्योदय के पूर्व 5:30 से आये जन सैलाब को देखकर डॉ श्रीमंत साहू ने कहा कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज स्वास्थ है। हेल्थ इस रियल वेल्थ। जिस देश में बीमार ज्यादा हों वो प्रगति नहीं कर सकता। एक महीने की दवाई पांच मिनट की कन्सलटेन्सी की फीस कितनी बार डॉक्टर के पास जायेंगे। न ब्लड टेस्ट न गोली चार दिनों में आपको रिजल्ट मिलेगा।
आपने प्लेग, हैजा, और मलेरिया के उदाहरण से बताया कि ये बीमारियां राष्ट्रीय अभियान और जागरुकता से दूर हुई तो आज महामारी का रुप धारण कर चुके डायबिटीज भी समाप्त होगी। डायबिटिज खामोश बीमारी जिसका पता नहीं चलता।
वर्ल्ड हेल्थ आॅगर्नाइजेशन का कहना है कि दवाई खाने से डायबिटीज ठीक नही होती जागरुकता से ठीक होगी। आज अनगिनत दवाईयां हैं डायबिटिज की खाते जाओ बस अब और नही। तेल, घी और नमक का सेवन कम कर पाल्थी मारकर खाना खायें।
पशु पक्षी का ब्लड टेस्ट करे तो कोलेस्ट्रॉल 50 से ज्यादा नहीं होगा पर मनुष्य का 300 से ज्यादा है। पहले कपडेÞ हाथ से धोते थे आज मशीन से। हमारी शरीरिक मेहनत जीरो हो गई है। आज हमें इसी में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। डॉक्टरों को भी डायबिटिज हो रहा है तो साधारण लोगों को कौन बचाये।
डॉ श्रीमंत ने कहा कि भारत से जैसे पोलियों गायब हुआ अब डायबिटीज की बारी है, जिसे हम सब को मिलकर समाप्त करना है। मनुष्य के पास अदम्य शक्ति और साहस है। वो चाहे तो कुछ भी कर सकता है तो डायबिटिज क्या चीज है। खानपान स्वस्थ जीवन शैली डॉक्टर प्रोवाइड नहीं करा सकता स्वयं को करना है। हाई डायबिटिज हो गया तो कभी भी हताश व निराश न हो।
यदि हमारे चारों तरफ लाईट है तो हमारी परछाई नहीं बनती। वैसे ही यदि हमारे जीवन में ज्ञान का प्रकाश हो तो डायबिटिज रुपी परछाई भी गायब हो जायेगी। डायबिटिज कोई असाध्य बीमारी नहीं है।
सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ डॉ अरुण कुमार रथ, बीके आशा दीदी, डॉ श्रीमंत साहु एवं अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन के साथ की।