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रूंगटा के एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग सिलेबस का स्कोप अधिक, रोजगार की बेहतर संभावनायें

Jul 2, 2019

भिलाई। संतोष रूंगटा समूह के रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी), भिलाई में संचालित बीई की एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की ब्रांच युवाओं को उन्नत कृषि क्षेत्र के ज्ञान से परिपूर्ण बनाने में पूर्णतया सक्षम है। यह कोर्स एआईसीटीई, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त तथा सीएसवीटीयू, भिलाई से संबद्धता प्राप्त है। चेयरमेन संतोष रूंगटा ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई से संबद्ध एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कोर्स में अन्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे कोर्स से भिन्नता है।भिलाई। संतोष रूंगटा समूह के रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी), भिलाई में संचालित बीई की एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की ब्रांच युवाओं को उन्नत कृषि क्षेत्र के ज्ञान से परिपूर्ण बनाने में पूर्णतया सक्षम है। यह कोर्स एआईसीटीई, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त तथा सीएसवीटीयू, भिलाई से संबद्धता प्राप्त है। चेयरमेन संतोष रूंगटा ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई से संबद्ध एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कोर्स में अन्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे कोर्स से भिन्नता है। भिलाई। संतोष रूंगटा समूह के रूंगटा कॉलेज आॅफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नालॉजी (आरसीइटी), भिलाई में संचालित बीई की एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की ब्रांच युवाओं को उन्नत कृषि क्षेत्र के ज्ञान से परिपूर्ण बनाने में पूर्णतया सक्षम है। यह कोर्स एआईसीटीई, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त तथा सीएसवीटीयू, भिलाई से संबद्धता प्राप्त है। चेयरमेन संतोष रूंगटा ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई से संबद्ध एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग कोर्स में अन्य कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा चलाये जा रहे कोर्स से भिन्नता है।इस सिलेबस में क्रॉप प्रोडक्शन जैसे विषय है जो स्टूडेंट्स को अधिक प्रैक्टिकल नॉलेज प्रदान करते हैं। सीएसवीटीयू से संबद्धता के कारण एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स को भी प्रथम वर्ष में कम्यूनिकेशन स्किल्स तथा विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांचों की बेसिक जानकारी उपलब्धि कराई जाती है जो कि भविष्य में कॉर्पोरेट जगत में इनकी डिमांड को और बढ़ाता है। सिलेबस में कृषि की हाईटेक तथा एडवांस तकनीकों पर अधिक जोर दिया गया है। इसके अलावा हाईटेक एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग इक्विपमेंट्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रांति हेतु अभिनव प्रयास किया गया है। यही प्रमुख वजह है कि कृषि अभियांत्रिकी करने के इच्छुक युवाओं को सीएसवीटीयू का सिलेबस अधिक प्रभावी रूप से ज्ञान देने में सक्षम होगा वहीं जॉब प्लेसमेंट की भी असीम संभावनायें समेटे हुए है। बी.ई. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग का यह कोर्स हमारे देश में अन्य राज्यों जैसे तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि में एआईसीटीई, नई दिल्ली से मान्यता प्राप्त होने के साथ ही विभिन्न तकनीकी विश्वविद्यालयों तथा इनसे संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में संचालित किया जा रहा है तथा युवाओं के भविष्य निर्माण हेतु अत्यंत लोकप्रिय कोर्स के रूप में जाना जाता है। छत्तीसगढ़ में यह कोर्स केवल रूंगटा कॉलेज में ही संचालित है।
डायरेक्टर एफ एण्ड ए सोनल रूंगटा के अनुसार रोजगार की दृष्टि से भी एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की यह ब्रांच छात्रों के कैम्पस प्लेसमेंट हेतु अत्यंत प्रभावी है, अनेक सीड कंपनियों तथा कृषि यांत्रिकी से जुड़ी कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है और युवाओं के लिये एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग अच्छा आॅप्शन साबित हो रही है। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग करने के इच्छुक युवा पीईटी की वतर्मान में जारी काउंसिलिंग के माध्यम से इस कोर्स में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं।

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