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सेमरिया में होगा बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान, शासन को भेजी योजना

Jul 2, 2019

भिलाई। जैव चिकित्सा अपशिष्ट की संयुक्त उपचार व्यवस्था हेतु ग्राम सेमरिया की भूमि में ई टेक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को उपलब्ध कराने के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्ताव महापौर परिषद के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया था जिस पर चर्चा उपरांत प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति प्रदान करने हेतु इस प्रस्ताव को राज्य शासन को भेजे जाने का संकल्प एमआईसी ने पारित किया है!भिलाई। जैव चिकित्सा अपशिष्ट की संयुक्त उपचार व्यवस्था हेतु ग्राम सेमरिया की भूमि में ई टेक प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को उपलब्ध कराने के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्ताव महापौर परिषद के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया था जिस पर चर्चा उपरांत प्रस्ताव अनुसार स्वीकृति प्रदान करने हेतु इस प्रस्ताव को राज्य शासन को भेजे जाने का संकल्प एमआईसी ने पारित किया है! बायो मेडिकल वेस्ट एक ऐसा अपशिष्ट है जो बड़ी मात्रा में नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अस्पताल, क्लिनिक आदि से उपचार के उपरांत जनरेट होती है अभी तक इसकी समुचित व्यवस्था नहीं थी! परंतु आयुक्त एस.के. सुंदरानी के निर्देश पर अब मृत पशु के साथ ही इसके भी निपटान के लिए सेमरिया में 1 एकड़ का जमीन सुरक्षित किया जाएगा!
बायो मेडिकल वेस्ट के निपटान के लिए आवेदक/संस्था को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल से प्राधिकार प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा, भूमि उपलब्ध होते ही एक माह के भीतर आवश्यक उपकरण सुविधाओं की व्यवस्था नियम प्रधाना प्रावधानों के तहत प्रारंभ होगा, स्थल/भवन में जलप्रदाय, विद्युतीकरण एवं वृक्षारोपण इत्यादि सुविधाओं की व्यवस्था स्वयं के व्यय पर की जावेगी, आवेदक संस्था द्वारा सर्विस चार्ज के रूप में विभिन्न नर्सिंग होम, क्लीनिक से प्राप्त होने वाली राशि का 10% राशि भूमि उपयोग हेतु किराए के रूप में निगम भिलाई को भुगतान किया जाना होगा, आवेदक/संस्था को निगम भिलाई दुर्ग, राजनांदगांव मे स्थित नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अस्पताल, क्लीनिक आदि से जैव चिकित्सा अपशिष्ट के संयुक्त उपचार की व्यवस्था सुविधा किया जाना है, साथ ही इन सभी अस्पतालों की सूची उपलब्ध करानी होगी एवं प्रतिमाह मासिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा, अस्पतालों से किए गए अनुबंध की कॉपी उपलब्ध करानी होगी साथ ही प्रतिमाह प्राप्त होने वाले आय का विवरण भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा, प्लांट स्थापना एवं उसके संचालन रखरखाव की संपूर्ण जवाबदारी होगी, विद्युत पर होने वाले व्यय का वहन भी संस्था को करना होगा तथा पर्यावरण की दृष्टि से सभी व्यवस्थाएं संस्था को करनी होगी, आवेदक/संस्था को जैव चिकित्सा अपशिष्ट का परिवहन स्वयं के माध्यम से पर्यावरण के नियमों का पालन करते हुए किया जाएगा! प्र.सहायक स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली ने बताया कि इस प्रस्ताव पर राज्य शासन से स्वीकृति मिलते ही परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा।

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