भिलाई। एनेस्थीसिया या निष्चेतना, चिकित्सा क्षेत्र की उस विशेषज्ञता से संबंधित है जिसके बिना सर्जरी की कल्पना तक नहीं की जा सकती। एनेस्थेटिस्ट मरीज को सर्जरी के लिये तैयार करता है, सर्जरी के दौरान एवं सर्जरी के पश्चात पूरी तरह सामान्य होने तक मरीज का प्रबंधन करता है। वह ऐसी व्यवस्था करता है कि सर्जरी के दौरान या बाद में होने वाली पीड़ा का उसे स्मरण न रहे। निश्चेतना के विषय में यहां स्पर्श मल्टीस्पेशालिटी हॉस्पिटल के निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ संजय गोयल से जानते हैं इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां :-डॉ गोयल बताते हैं कि निश्चेतना विशेषज्ञ शल्य क्रियाओं के अलावा कैंसर इत्यादि जैसी बीमारियों में मरीजों को विभिन्न तरीकों से असहनीय दर्द से छुटकारा दिलाने में सहयोग करते हैं। दुनिया भर के सभी अस्पतालों में गहन चिकित्सा इकाइयों का संचालन निश्चेतना विशेषज्ञों द्वारा ही किया जाता है। एक कुशल निश्चेतक अपनी योग्यता, अनुभव एवं विशेषज्ञता का इस्तेमाल करके एक सफल शल्य क्रिया की नींव रखता है।
निश्चेतना विशेषज्ञ बनने के लिए एमबीबीएस करने के बाद डिप्लोमा या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की जा सकती है। इसके बाद अनुभव से उसे अपने कार्य में दक्षता मिलती है। यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है जहां हर दिन नई-नई चुनौतियों से सामना होता है और निश्चेतना विशेषज्ञ इनोवेटिव टेक्नीक्स का उपयोग कर स्थिति से जूझते हैं।
डॉ संजय गोयल बताते हैं कि विकसित देशों में एनेस्थेटिस्ट के विषय में पर्याप्त जागरूकता है। इसलिए सर्जरी से पूर्व लोग एनेस्थेटिस्ट के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं। सर्जरी से पूर्व मरीज को दर्द एवं तनाव से मुक्त करना, सर्जरी के दौरान उसे बेहोश करना और सर्जरी के पश्चात उसे होश में लाकर उसके दर्द का प्रबंधन करना एनेस्थेटिस्ट की जिम्मेदारी होती है। डॉ गोयल ने बताया कि किसी किसी सर्जरी के लिए मरीज की सांसों को भी नियंत्रित कर दिया जाता है। इसलिए उसका दक्ष होना बेहद जरूरी होता है।