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महिला दिवस पर कन्या महाविद्यालय में सबके लिए समानता की बातें

Mar 11, 2020

Womens Day in Patankar Girls College Durgदुर्ग। शासकीय डॉ. वा. वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में संचालन करते हुए डॉ. रेशमा लाकेश ने कहा कि सभी के लिए समानता पर आधारित यह दिन बदलाव की पहल करने एवं सामान्य महिलाओं के साहस पर जश्न मनाने का दिन है। यह अभियान पूरी नारी शक्ति को समर्पित है और हर आयु, जाति, धर्म के बीच समानता व एकता के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।Womens Day celebrated in Patankar Girls College Durgकार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि यह सुखद है कि समाज की सोच बदल रही है। लैंगिक समानता की बजाय पीढ़ी की समानता के लिए पहल हो रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भी उच्च शिक्षा में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने कई योजनाएँ प्रारंभ की है। विशेष छात्रवृत्तियाँ, वूमेन स्टडी सेंटर, जेंडर चैम्पियन बनाना, अधिनियम 2015 लागू करना जैसे कदम उठाए हैं।
संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए समाजशास्त्र की प्रध्यापक डॉ. मोनिया राकेश ने कहा कि महिला सशक्तिकरण एक व्यापक विषय है जिसका संबंध महिलाओं के लिए सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, समानता तथा एकीकृत सामाजिक विकास से है।
सशक्तिकरण का अर्थ उन सामूहिक प्रयासों से जुड़ा है जिनका उद्देश्य समाज को ऐसी दिशा देना है जिसमें महिलाओं की सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित हों और यह सामाजिक व्यवस्था से जुड़ा एक गुणात्मक परिवर्तन है।
हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. यशेश्वरी धु्रव ने कहा कि महिलाओं को घर पर अपनी भूमिकाओं के साथ-साथ अपने समाज और देश के प्रति जवाबदारी को महसूस करने की आवश्यकता है जो निरंतर प्रयास, लैंगिक समानता और सशक्तिकरण के माध्यम से संभव है।
ब्रिघ्रम यंग की एक प्रसिद्ध कहावत है कि ह्यह्यआप एक आदमी को शिक्षित करते हैं तो केवल एक आदमी को शिक्षित करते है। यदि एक महिला को शिक्षित करते है तो आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते है।ह्णह्ण
इस अवसर पर छात्रसंघ की अध्यक्ष कु. अनिंदिता विश्वास ने कहा कि महिलाएँ किसी भी देश के विकास का मुख्य आधार होती है। वे परिवार एवं समाज के साथ देश की तरक्की में अपना अहम योगदान देती है।
इसके बावजूद भू्रण हत्या, महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार, शोषण की घटनाएँ चिंताजनक है।
राजनीतिशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. सुचित्रा खोब्रागढ़े कहती है कि राजनीति में महिलाओं की भूमिका बहुत व्यापक है। इन दिनों महिलाओं की राजनीति में बढ़ती सक्रियता व भागीदारी ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं है। प्रशासन के बड़े-बड़े पदों पर एवं मंत्रालय में महिलाओं ने अपनी अलग छाप छोड़ी है।
प्रोफेसर श्रीमती ज्योति भरणे ने कहा कि नारी सशक्तिकरण की हम कितनी भी बात कर लें किन्तु स्त्रियों को उनका उचित हक नहीं मिला है। अपने अधिकार के लिए अभी भी संघर्ष करती आ रही है।
रसायनशास्त्र की डॉ. सुनीता गुप्ता ने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी पर बोलते हुए कहा कि अंतरिक्ष से लेकर सैन्य शक्ति में भी महिलाएँ आगे है। अनुसंधान का क्षेत्र हो या चिकित्सा का क्षेत्र महिलाओं की भागीदारी सार्थक परिणाम ला रही है। कार्यक्रम में प्राध्यापकों ने गीत-कविताओं के माध्यम से भी अपनी सहभागिता दी।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रेशमा लाकेश के साथ ही डॉ. सुनीता गुप्ता, डॉ. ऋचा ठाकुर श्रीमती ज्योति भरणे, डॉ. सुचित्रा खोब्रागढ़े, डॉ. मोनिया राकेश सिंह की सक्रिय भागीदारी रही। इस अवसर पर महिला दिवस के लिये निर्धारित बैंगनी रंग के परिधान में सभी उपस्थित रहे।
छात्राओं के साथ प्राध्यापक एवं कमर्चारी भी शामिल हुए। आभार प्रदर्शन डॉ. लता मेश्राम ने किया।

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