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शंकराचार्य महाविद्यालय ने ढाका एवं काठमांडु विश्वविद्यालय के साथ किया एमओयू

Mar 1, 2020

कुलपति डॉ अरुण पल्टा के मुख्य आतिथ्य में राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन

SSMV signs MoU with Kathmandu Universityभिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा अ न्यू माइक्रोबियॉम रिसर्च एरा फॉर ह्यूमन वेलफेयर एंड क्योर ऑफ़ इंफेक्शस डिजीजेस विषय पर 2 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ अरुण पल्टा समापन सत्र की मुख्य अतिथि थीं। महाविद्यालय ने ढाका एवं काठमाण्डु विश्वविद्यालयों से एमओयू किया है जिसका लाभ दोनों देशों के विद्यार्थियों को मिलेगा।SSSMV signs MoU with Dhaka Universityआयोजकीय अतिथि श्री गंगाजली शिक्षण समिति के चेयरमैन आईपी मिश्रा, अध्यक्ष जया मिश्रा, विशेष अतिथि एसएयू ढाका, बांग्लादेश में एग्रोनॉमी के प्राध्यापक डॉ. मिर्जा हंसनाजुमान, काठमाण्डू विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूपल जी. श्रृष्ठ, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के बायोटेक्नालॉजी प्राध्यापक डॉ एसके जाधव, रायपुर), महाविद्यालय की प्राचार्या/निदेशक डॉ. रक्षा सिंह एवं अति. निदेशक डॉ. जे. दुर्गा. प्रसाद राव मंच पर आासीन थे।
प्राचार्या/निदेशक डॉ. रक्षा सिंह ने अतिथियों के सहयोग से ई-सोविनियर लांच किया गया। ई-सोविनियर पेन ड्राइव में सभी को इस संदेश के साथ दिया गया कि महाविद्यालय परिवर्तन के लिए वचनबद्ध है। महाविद्यालय के लिए ये गौरव की बात है कि सम्मेलन में काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल एवं शेरे-ए. बांग्ला कृषि विश्वविद्यालय ढाका बांग्लादेश से हमारे महाविद्यालय के द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है और भविष्य में दोनों संस्थानों के द्वारा शैक्षणिक गतिविधियों एवं विचारों का आदान प्रदान किया जायेगा।
विशेष अतिथि डॉ. मिर्जा हंसनाजुमान ने अपने उद्बोधन में कहा कि वे 14 देशों की यात्रा कर चुके हैं लेकिन छ.ग. में पहली बार आने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस महाविद्यालय की एक अलग छवि उनके दिल और दिमाग में बन गयी है जिसे वे कभी भूल नहीं पाएंगे। दो दिवसीय सम्मेलन का विषय बहुत ही चिंतन करने योग्य है। हमारे विश्वविद्यालय से जो एम.ओ. यू हुआ है उसकी वजह से हम भविष्य में भी एक साथ काम करत रहेगें। बांग्लादेश एवं भारत के लोगो की समान मानसिकता है।
डॉ. एस. के. जाधव ने अपने उद्बोधन में कहा कि माइक्रो इंफेक्शन आज एक गंभीर समस्या है। विश्व में अनेक वायरस आते रहते है, जो कि खतरनाक है, आज एक इंन्वायरनमेंट चाहिए जो वायरस को फैलने के बजाय जड़ से खतम कर दे। सम्मेलन का विषय बहुत ही ज्वलंत समस्या पर आधारित है। इस महाविद्यालय को माहौल पूरा इको फैडली है जो बहुत अच्छी बात है।
मुख्य अतिथि डॉ अरूणा पल्टा ने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्या को इको फैडली कॉलेज की प्राचार्या संबोधित करते हुए कहा कि अंचल में अन्य महाविद्यालय की तुलना में एक अलग पहचान है। कारोना वायरस पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या बना हुआ है। किसी भी समस्या के लिए रोकथाम जरूरी है। हमें अपने लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करना चाहिए, योगा एवं मेडिटेशन से अपने आप को स्वस्थ रखने का प्रयास करना चाहिए। पर्यावरण को अच्छा रखना जरूरी हैं। नई बीमारियों की पहचान एवं रोकथाम के उपाय जरूरी है। महाविद्यालय द्वारा इस सम्मेलन में ई-सोविनियर का प्रयोग किया गया है जो आज के समय में कागज रहित समाज की कल्पना में मील का पत्थर साबित होगा। पर्यावरण की दृष्टि से महाविद्यालय का यह प्रयास सराहनीय है, जो इस अंचल में प्रथम प्रयोग है, ऐसा अन्य महाविद्यालयों को भी करना चाहिए। ई-सोविनियर का उपयोग भी आसान है, और इसे मुद्रित सासमग्री की तुलना में लंबे समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है। आज नये शोध एवं अच्छे रिसर्चर की जरूरत है।
महाविद्यालय प्रांगण में छत्तीसगढ़ की धरोहर एवं पहचान से संबंधित व्यंजन एवं गौठान की प्रदर्शनी लगाई गयी। कार्यक्रम में सहभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में ई-पोस्टर प्रतियोगिता में शास. नागार्जुन पी. जी. महाविद्यालय रायपुर की श्रेया पारीक एवं सेंट थॉमय महाविद्यालय भिलाई की प्रियबंदा सिंह को बेस्ट प्रतियोगी का अवार्ड दिया गया।
कार्यक्रम में दिल्ली से श्री ब्रजेष चतुर्वेदी, डॉं. सीमा जैन (वरिष्ट चिकित्सा अधिकारी, शिशु रोग, जिला अस्पताल, दुर्ग), डॉं. मानसी गुलाटी (प्रसुती एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रमुख गुलाटी हास्पीटल समूह, दुर्ग), प्राची बहन, (मोटिवेशनल वक्ता, प्रजापिता ब्रम्हा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, भिलाई), एवं डॉ. के.के. साहू (एसोसियेट प्रो.बायोटेक्नालॉजी विभाग,पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर) ने अपना व्याख्यान दिया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रचना चैधरी एवं सह-संयोजक डॉ. सोनिया बजाज है। कार्यक्रम का संचालन सहा. प्राध्यापिका डॉं. सुषमा पाठक एंव डॉ. कंचन सिन्हा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के अति. निदेशक डॉ. जे. दुर्गा. प्रसाद राव ने कुलपति महोदया को परीक्षा समय पर संचालन एवं परिणाम समय सीमा पर धोषित करने हेतु छात्रों की ओर से धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं सम्मेलन को सफल बनाने के लिउ प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से संलग्न सभी के प्रति हार्दिक आभार प्रगट करता हूॅै। सम्मेलन में 116 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय जगत के विद्वान, प्रतिभागी, शोधार्थी, महाविद्यालय के प्राध्यापक गण, कमर्चारीगण एवं छात्र छात्राएॅ उपस्थित रहे।

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