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गर्ल्स कॉलेज के ‘आरंभ’ में कोलकाता शतोविषा ने दी भावपूर्ण प्रस्तुति

Aug 27, 2019

दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय और रजा फाऊण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में शास्त्रीय गायन के कार्यक्रम ‘आरंभ’ का आयोजन किया गया। इनलैक्स म्यूजिक अवार्ड और फेलोशिप से सम्मानित कोलकाता की युवा कलाकार शतोविषा मुखर्जी ने एकल शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के छात्र ईश्वर दास महन्त ने हारमोनियम पर तथा मुम्बई से पधारे रामभद्र जी ने तबले पर संगत की।दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय और रजा फाऊण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में शास्त्रीय गायन के कार्यक्रम ‘आरंभ’ का आयोजन किया गया। इनलैक्स म्यूजिक अवार्ड और फेलोशिप से सम्मानित कोलकाता की युवा कलाकार शतोविषा मुखर्जी ने एकल शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के छात्र ईश्वर दास महन्त ने हारमोनियम पर तथा मुम्बई से पधारे रामभद्र जी ने तबले पर संगत की। दुर्ग। शासकीय डॉ वावा पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय और रजा फाऊण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय के स्वामी विवेकानन्द सभागार में शास्त्रीय गायन के कार्यक्रम ‘आरंभ’ का आयोजन किया गया। इनलैक्स म्यूजिक अवार्ड और फेलोशिप से सम्मानित कोलकाता की युवा कलाकार शतोविषा मुखर्जी ने एकल शास्त्रीय गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय के छात्र ईश्वर दास महन्त ने हारमोनियम पर तथा मुम्बई से पधारे रामभद्र जी ने तबले पर संगत की।इस कार्यक्रम और योजना के बारे में प्राचार्य डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने बताया कि रजा फाऊण्डेशन ने देश के विभिन्न भागों में कला संस्कृति से संबंधित कार्यक्रमों को आयोजित करने की महत्वपूर्ण योजना बनाई है। जिनमें देशभर के विविध कलाक्षेत्रों से संबंधित 40 युवा कलाकारों का चयन किया गया है। इस योजना में छत्तीसगढ़ से शासकीय कन्या महाविद्यालय, दुर्ग को चयनित किये जाने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होनें यह भी बताया कि भविष्य में भी अपनी संस्कृति और परम्परा से युवाओं को परिचित कराने के लिए बांसुरी वादन, चित्रकला एवं नृत्य से संबंधित आयोजन भी रजा फाऊण्डेशन के सहयोग से होते रहेगें।
अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक उल्हास काशलकर जी की शिष्या शतोविषा ने रागश्री में ‘गुरू बिन कौन आधार’ से कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद रागदेश में बंदिश सुनाकर छात्राओं में ऊर्जा का संचार किया। छात्राओं के अनुरोध पर उन्होनें राग जैजेवन्ती में ‘ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैजनिया’ सुनाकर महफिल को चार चांद लगा दिए। अंत में राग भैरवी से उन्होनें कार्यक्रम का समापन किया।
इस कार्यक्रम के संयोजक योगेन्द्र त्रिपाठी ने युवा विद्यार्थियों को अपनी कला संस्कृति और परम्परा से जोड़ने में ऐसे आयोजनों को मील का पत्थर बताया। डॉ. अम्बरीश त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया। डॉ. ऋचा ठाकुर ने आभार ज्ञापन किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं सहित डॉ. अनिल जैन, डॉ. मिलिन्द अमृतफले, डॉ. ऋतु दुबे एवं डॉ. यशेश्वरी धु्रव सहित अनेक प्राध्यापक भी शामिल हुए।

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