भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल के अस्थि रोग विभाग के विशेषज्ञों ने एक मजदूर के हाथ को कट जाने से बचा लिया। उसका दाहिना हाथ कुहनी और कलाई के बीच बुरी तरह से कुचल गया था। हड्डियों का चूरा बन गया था और नसें भी फट गई थी। रक्तसंचार रूक जाने के कारण हथेलियां ठंडी पड़ गई थीं और काफी खून बह चुका था। 32 वर्षीय यह मजदूर एक भवन सन्निर्माण कर्मकार है जो कुली का काम करता है। काम के दौरान उसके हाथ पर कंक्रीट का स्लैब गिर गया था जिसके नीचे आकर उसका दाहिना हाथ कुहनी से कलाई तक बुरी तरह कुचल गया था।सुन्दर नगर कोहका निवासी मजदूर नेतराम निषाद को 29 दिसम्बर को दोपहर लगभग 11 बजे हाइटेक लाया गया था। वह शॉक की स्थिति में था। उसके हाथ पर कंक्रीट का स्लैब गिर गया था जिसके नीचे आकर उसका दाहिना हाथ कुहनी से कलाई तक बुरी तरह कुचल गया था। अग्रबाहू की दोनों हड्डियों का चूरा बन गया था और सभी नसें और मांसपेशियां कुचल गई थीं। यही नहीं पूरी बांह में कांक्रीट के टुकड़े और चूरा भर गया था। रोगी का काफी खून बह गया था। उसके हाथ को कटने से बचाना चिकित्सकों की पहली प्राथमिकता थी।
वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ बीएल चन्द्राकर एवं डॉ राहुल ठाकुर ने पहले घाव को साफ किया। कांक्रीट के चूरे को सावधानी के साथ निकाला गया। आपातकालीन सर्जरी की और स्टील रॉड डालकर हड्डियों को स्टेबिलाइज किया। इसके बाद प्लास्टिक सर्जन डॉ दीपक कोठारी ने उसकी नसों और धमनियों को जोड़ दिया। नाड़ी को भी जोड़ दिया गया जिससे हथेलियों तक पुनः रक्तसंचार प्रारंभ हो गया। इस पूरी कवायद में 5 से 6 घंटे का वक्त लग गया।
मरीज को चार दिन तक आब्जर्वेशन में रखा गया। 2 जनवरी को उसे छुट्टी दे दी गई। डॉ चन्द्राकर ने बताया कि मरीज को तत्काल अस्पताल लाया गया था जिसके कारण उसके हाथ को बचाना संभव हो पाया। उन्होंने उम्मीद जताई कि सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही वह काम पर लौट जाएगा।
मरीज की शल्यक्रिया करने वाली टीम में डॉ बीएल चंद्राकर, डॉ राहुल ठाकुर, डॉ दीपक कोठारी के अलावा ओटी टीम के दिलीप शेन्डे, डोमन, किशन, रामेश्वर आदि शामिल थे।